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उपेंद्र कुशवाहा बनेंगे भाजपा-जेडीयू सरकार में मंत्री, पार्टी का विलय जदयू में कर सकते हैं

बिहार में सरकार बनने के बाद उपेंद्र कुशवाहा दो बार नीतीश कुमार से मुलाकात कर चुके हैं। कल हुई मुलाकात उनकी तीसरी मुलाकात थी। मुलाकात के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि वो नीतीश कुमार से कभी अलग नहीं हुए थे, पॉलिटिक्स Archivesबस राजनीतिक विचारधारा अलग थी। इसके अलावा वशिष्ठ नारायण सिंह का कहना है कि उपेंद्र कुशवाहा के आने से जदयू और मजबूत होगी। उपेंद्र कुशवाहा की मुलाकातों के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।

ऐसा माना जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा अपनी पार्टी का विलय जदयू में कर सकते हैं। हालांकि राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के नेताओं की ओर से इन दावों को खारिज किया गया है। रविवार को नीतीश कुमार और वशिष्ठ नारायण सिंह के साथ हुई मुलाकात के बाद यह माना जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी जदयू में शामिल हो सकती है।Upendra Kushwaha News Update : Nitish Kumar and his old friend Upendra  Kushwaha can meet again | नीतीश कुमार और कुशवाहा की एक मुलाकात के मायने  समझिए, कैसे बिछड़े, क्यों मिले अब -

2020 में हुए विधानसभा चुनाव के परिणामों से नीतीश कुमार खासा खुश नहीं है। 2015 में नीतीश कुमार लालू प्रसाद यादव के साथ चुनाव लड़े थे तो उनकी पार्टी को 70 सीटें मिली थीं लेकिन हाल ही में हुए चुनाव में उनकी पार्टी 43 सीटों पर सिमट कर रह गई। यही वजह है कि नीतीश कुमार एक बार फिर से अपने पुराने समीकरण लव-कुश यानी कुर्मी-कुशवाहा वोट बैंक को मजबूत करने में लग गए हैं।Upendra Kushwaha Said Nitish Kumar Wants To Destroy Rlsp - कुशवाहा के  विधायकों के जेडीयू में जाने की खबर, ''हमें नष्ट करना चाहते हैं नीतीश  कुमार'' - Amar Ujala Hindi News Live

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यही वजह है कि नीतीश कुमार ने पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर इस्तीफा देकर कुर्मी जाति से ताल्लुक रखने वाले आरसीपी सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया। इसके बाद दस जनवरी 2021 को नीतीश कुमार ने राज्य कार्यकारिणी की बैठक में विधानसभा चुनाव हारने वाले उमेश सिंह कुशवाहा को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया।

इसका मतलब यह हुआ कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी पार्टी में लव-कुश समीकरण के तहत ही राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति कर चुके हैं। अब ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि जदयू इसी लव-कुश समीकरण के तहत उपेंद्र कुशवाहा को अपने कोटे से बिहार विधान परिषद में भेज सकती है। इसके अलावा सूत्रों ने जानकारी दी कि नीतीश कुमार उन्हें मंत्रिमंडल के विस्तार में जगह भी दे सकते हैं।

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