2021 के बजट से लोगों को यह उम्मीद थी कि शायद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने बजट में आम आदमी को कुछ राहत दे पाएं कुछ ऐसा हो जिससे आम आदमी को कोरोना काल बीतने के बाद शायद बजट से कुछ राहत मिले, पर ऐसा कुछ नहीं हो पाया बल्कि इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों पर बजट की मार पड़ गई, संसद में देश का आम बजट पेश हो चुका है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना बजट भाषण समाप्त कर चुकी हैं। आम आयकरदाताओं को बजट 2021 में कोई राहत नहीं मिली है। केवल 75 साल से अधिक उम्र वालों को अब आयकर रिटर्न भरने की आवश्यकता नहीं होगी। वहीं सरकार ने किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। शहरी, ग्रामीण स्वच्छता के लिए सरकार ने बजट में प्रावधान किए हैं। स्वच्छ हवा के लिए भी सरकार ने अपना पिटारा खोला है। सरकार ने रेलवे के लिए राष्ट्रीय रेल योजना 2030 तैयार करने का प्रावधान किया है। जल्द ही वॉलेंट्री स्क्रैप पॉलिसी को लॉन्च किया जाएगा। बीमा क्षेत्र में 74 फीसदी तक एफडीआई को मंजूरी दी गई है। वहीं प्रवासी मजदूरों के लिए एक पोर्टल बनाया जाएगा। जिसमें उन जुड़ी जानकारी होगी। कई सरकारी कंपनियों के विनिवेश का भी एलान किया गया। लेह में केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाया जाएगा और अनुसूचित जाति के 4
केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर कृषि सेस लगाया गया है। डीजल पर चार और पेट्रोल पर ढाई रुपये का सेस लगाया गया है। हालांकि, कहा जा रहा है कि ये सेस कंपनियों को देना होगा और आम लोगों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।
टैक्स पेयर पर बोझ डालने का वक्त नहीं। टैक्स सिस्टम पारदर्शी रखने का वक्त है। आम करदाता को टैक्स में कोई नई छूट नहीं। जीएसटी अब चार साल पुरानी हो गई है। जीएसटीएन सिस्टम की क्षमता भी बढ़ाई गई है। फेक बिलर्स की पहचान हो रही है। पिछले कुछ महीनों में रेकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन हुआ है। टैक्स ऑडिट की लिमिट 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ करने का प्रस्ताव। इस तरह सरकार ने टैक्सेशन सिस्टम की जटिलता को खत्म करने का प्रयास किया।
विवादों को खत्म करने के लिए समिति का गठन होगा फेसलेस समिति बनाई जाएगी। 75 साल से ज्यादा वरिष्ठ नागरिकों को आईटीआर भरने की आवश्यकता नहीं होगी। 75 साल के ऊपर के पेंशनधारियों को टैक्स में छूट। एनआरआई को छूट। विदेशी रिटायरमेंट अकाउंट के सरलीकरण के लिए नियम बनाए जाएंगे। एक करोड़ से ज्यादा ऑडिट से छूट मिलेगी। जिन एनआरआई लोगों को टैक्स भरने में काफी मुश्किलें होती थीं उन्हें इस बार डबल टैक्स सिस्टम से छूट दी जा रही है।
देश में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 1,500 करोड़ रुपये का आवंटन किया। यह रकम डिजिटल पेमेंट के इंसेंटिव के तौर पर खर्च होगी। गोवा डायमंड जुबली सेलिब्रेशन मना रहा है। हम 300 करोड़ रुपए इसके लिए देंगे। 1000 करोड़ रुपए असम और पश्चिम बंगाल में टी वर्कर के लिए दिए जाएंगे।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को तहे दिल से स्वीकार किया गया है। 100 नए सैनिक स्कूल बनेंगे। इसके लिए प्राइवेट सेक्टर की मदद ली जाएगी। हायर एजुकेशन कमीशन बनेगा। इसके लिए कानून में संशोधन किया जाएगा। अनुसूचित जाति के 4 करोड़ विद्यार्थियों के लिए 35 हजार करोड़ रुपये का एलान। संयुक्त अरब अमीरात के साथ मिलकर स्किल ट्रेनिंग पर काम। भारत और जापान मिलकर भी एक प्रोजेक्ट को चला रहे। लेह में केंद्रीय यूनिवर्सिटी बनाए जाने का एलान। आदिवासी स्कूलों में एकलव्य स्कूल खोले जाएंगे।
देश में गेहूं उगाने वाले किसानों की संख्या दोगुनी हुई है। किसानों के लिए बजट में बड़ा एलान। लागत से डेढ़ गुना ज्यादा देने का प्रयास। किसानों को 75 हजार करोड़ से ज्यादा दिए। किसानों की आया दोगुना करने का लक्ष्य। यूपीए सरकार से करीब तीन गुना राशि मोदी सरकार ने किसानों के खातों में पहुंचाई। मोदी सरकार की ओर से हर सेक्टर में किसानों को मदद। दाल, गेंहू, धान समेत अन्य फसलों की एमएसपी बढ़ाई।
अगले साल कई पीएसयू का विनिवेश होगा। विनिवेश के लिए कानून में संशोधन होगा। विनिवेश की प्रक्रिया में तेजी आएगी। कुछ सरकारी कंपनियों को बंद करने के लिए सरकार नीति बनाने जा रही है ताकि इन्हें समय रहते बंद किया जा सके। वित्त मंत्री ने नए फाइनेंशियल ईयर में एलआईसी का आईपीओ लाने का एलान किया।
अब इंश्योरेंस क्षेत्र में 74 फीसदी तक एफडीआई। पहले यहां पर सिर्फ 49 फीसदी तक की ही इजाजत थी। इसके अलावा निवेशकों के लिए चार्टर बनाने का एलान।
जम्मू-कश्मीर में भी गैस पाइपलाइन योजना की शुरुआत होगी। उज्ज्वला योजना के तहत एक करोड़ और लाभार्थियों को जोड़ा जाएगा। अभी तक 8 करोड़ लोगों को ये मदद दी गई। 100 नए शहर सिटी गैस वितरण में जोड़े जाएंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि राष्ट्रीय रेल योजना 2030 तैयार की जाएगी। मेट्रो रेल का 702 किमी पहले से ही परिचालन। 1,016 किमी में पर काम चल रहा है। यात्रियो की सुविधा के लिए विस्टाडोम कोच की शुरूआत। कुल 1.10 लाख करोड़ रुपये का बजट रेलवे को। भारतीय रेलवे के अलावा मेट्रो, सिटी बस बस सेवा को बढ़ाने पर फोकस करेग। 18 हजार करोड़ रुपये की लागत लगाई जाएगी। कोच्चि, बंगलूरू, चेन्नई, नागपुर, नासिक में मेट्रो प्रोजेक्ट को बढ़ावा।
तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, असम और केरल में मेगा-राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की घोषणा की गई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि तमिलनाडु में नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट 1.03 लाख करोड़ का होगा। इसी में इकॉनोमिक कॉरिडोर बनाए जाएंगे। मुंबई- कन्याकुमारी इकॉनोमिक कॉरोडिर का एलान। केरल में भी 65 हजार करोड़ रुपये के नेशनल हाइवे बनाए जाएंगे। पश्चिम बंगाल में भी कोलकाता-सिलीगुड़ी के लिए भी नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट का एलान। वित्त मंत्री ने असम में अगले तीन साल में हाइवे और इकॉनोमिक कॉरिडोर का एलान किया। अगले साल तैयार होंगे 8,500 किलोमीटर के रोड प्रोजेक्ट।
रेलवे, एनएचएआई, एयरपोर्ट अथॉरिटी के पास अब कई प्रोजेक्ट को अपने
कोविड वैक्सीन के लिए 35,000 करोड़। नई बीमारियों पर फोकस होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना का एलान किया। सरकार की ओर से इसके लिए 64180 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इसी के साथ सरकार की ओर से स्थानीय मिशन को भारत में लॉन्च किया जाएगा। 64180 करोड़ नई स्वास्थ्य योजनाओं पर खर्च होंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वच्छ भारत मिशन को आगे बढ़ाने का एलान किया। जिसके तहत शहरों में अमृत योजना को आगे बढ़ाया जाएगा, इसके लिए 2,87,000 करोड़ रुपये जारी किए गए
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वच्छ भारत मिशन को आगे बढ़ाने का एलान किया जिसके तहत शहरों में अमृत योजना को आगे बढ़ाया जाएगा। इसके लिए 2,87,000 करोड़ रुपये जारी किए गए। वस्त्र उद्योग में बड़ा निवेश करने के लिए मेगा टेक्सटाइल योजना शुरू की जाएगी। जिससे निर्यात के लिए ग्लोबल चेन तैयार की जाएगी। वित्त मंत्री ने आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना का ऐलान किया। सरकार की ओर से 64180 करोड़ रुपये इसके लिए दिए गए हैं। इसी के साथ सरकार की ओर से स्थानीय मिशन को भारत में लॉन्च किया जाएगा। लेवल पर पास करने की ताकत होगी। वित्त मंत्री ने पूजीगंत व्यय के लिए 5 लाख करोड़ से अधिक के बजट का ऐलान किया। ये एलान पिछले बजट से 30 फीसदी अधिक है। इससे अतिरिक्त राज्य और स्वतंत्र बॉडी को दो लाख करोड़ रुपये भी दिए जाएंगे।
भारत में अब प्रति मिलियन जनसंख्या में सबसे कम सक्रिय मामले और कोविड-19 मृत्यु दर है। इसने आज हमारे द्वारा देखे जाने वाले आर्थिक पुनरुत्थान की नींव रखी है। बजट 2021-22 के लिए छः स्तंभों का दिया है- स्वास्थ्य और कल्याण, भौतिक और वित्तीय पूंजी और बुनियादी ढांचा, आकांक्षात्मक भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी, नवप्रवर्तन और अनुसंधान और विकास, न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन को सुदृढ़ बनाना। बिजली क्षेत्र के लिए भी एलान। सरकार की ओर से 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक लागत की स्कीम लॉन्च। बिजली से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर जोर। सरकार की ओर से हाइड्रोजन प्लांट बनाने का भी एलान। बिजली क्षेत्र में पीपीपी मॉडल के तहत होंगे कई प्रोजेक्ट को पूरे। वित्तीय घाटा 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसके लिए सरकार को 80 हजार करोड़ की जरूरत होगी, जो अगले दो महीनों में बाजार से लिया जाएगा। इमरजेंसी फंड 30,000 करोड़ रुपये। वित्तीय वर्ष में खर्च का लक्ष्य 34.5 लाख करोड़ रखा गया है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा, ‘मेरी राय में, वित्त मंत्री ने आम बजट को लेकर बहुत सारी उम्मीदें जताई थीं और उन्होंने उन सभी को पूरा भी किया है। वर्तमान समय को देखते हुए, बजट भारत की वृद्धि पर केंद्रित है और विकास दर में तेजी लाने के लिए अनुकूल है।’
ऑटो सेक्टर जीएसटी में कटौती की मांग कर रहा है। कोरोना के बाद लोगों ने पर्सनल व्हीकल को रखना शुरू किया है। जिसके चलते पहली बार गाड़ी खरीदने वालों की संख्या में काफी तेजी आई है। वर्तमान में व्हीकल पर लगभग 28 फीसदी का जीएसटी लगता है। ऑटो इंडस्ट्री की मांग है कि अगर इसे घटाकर 18 फीसदी कर दिया जाता है तो मांग में जबरदस्त तेजी आएगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बजट को लेकर कहा, ‘यह बजट ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए है, इससे अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।’