MCD Number Game: विधानसभा चुनाव में अपनी जीत की पताका फहराने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का अगला लक्ष्य दिल्ली नगर निगम (MCD) में अपनी खोयी सत्ता वापस पाना है. रविवार को अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) के तीन पार्षद बीजेपी में शामिल हो गए. पाला बदलने वाले इन पार्षदों ने एमसीडी में दोनों मुख्य पार्टियों का गणित बदल दिया है एमसीडी में दल बदल कानून लागू ना होने की वजह से बीजेपी को इसका फायदा अपना मेयर बनाने में मिल सकता है
एमसीडी में कुल 250 पार्षद होते हैं. साल 2022 में हुए चुनावों में आम आदमी पार्टी के 134 पार्षद सदन पहुंचे थे, जबकि बीजेपी के 104 पार्षद थे. बाद में कई पार्षद इधर से उधर हुए. इसके बाद बीजेपी के पार्षदों की संख्या 120 तक पहुंच गई और आप के पास 124 सदस्य रह गए थे. हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी के आठ पार्षद विधायक चुन लिए गए हैं. आम आदमी पार्टी के भी तीन पार्षद विधायक बन गए हैं. बीजेपी के पास 120 पार्षद पहले से थे. तीन पार्षद और जुड़ गए. दूसरी तरफ, आप के 124 पार्षद थे, जिनमें से तीन अब बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. इस तरह से आप के पास अब 121 पार्षद बचे हैं. अब आम आदमी पार्टी के तीन और पार्षदों ने पाला बदलकर सरगर्मी बढ़ा दी है. दिल्ली नगर निगम के मेयर पद के लिए अप्रैल में चुनाव होना है. फिलहाल यह पद आम आदमी पार्टी के पास है.
एमसीडी के जानकार ने कहा कि, दिल्ली नगर निगम में दल-बदल कानून लागू नहीं है. अगर आम आदमी पार्टी के पार्षद पाला बदलते हैं, तो बीजेपी को बड़ा फायदा हो सकता है. आम आदमी पार्टी को डर है कि बीजेपी उनके कुछ और पार्षदों को तोड़ सकती है. एमसीडी में 12 वार्ड कमेटियां होती है. जिनमें से सात पर पहले से ही बीजेपी का पलड़ा भारी है. लेकिन अब विधानसभा चुनाव में पराजय के बाद आम आदमी पार्टी के पार्षद पद की चाह में पाला भी बदल सकते हैं. फिर इन पार्षदों को यह भी लग रहा है कि जब दिल्ली राज्य में बीजेपी की सरकार होगी तो सारे विकास कार्य वही कराएगी. ऐसे में उनका अलग-थलग पड़ना राजनीतिक रूप से उनके लिए नुकसानदेह हो सकता है