पटना. बिहार की राजधानी पटना में फ्लैट बनवाने के नाम पर कंस्ट्रक्शन कंपनी ने बड़ा फर्जीवाड़ा किया है. दरअसल अनु आनंद कंस्ट्रक्शन कंपनी पर बड़ी जालसाजी का आरोप लगा है. अब इस मामले में ईडी (ED) ने अनु आनंद कंस्ट्रक्शन कंपनी की 7 करोड़ की अचल संपत्ति अस्थायी तौर पर जब्त की कर ली है. वहीं इससे पहले सितंबर महीने में पटना, नोएडा और बेंगुलरू समेत आठ ठिकानों पर ईडी की टीम ने छापेमारी की थी
वहीं ताजा मामले में ईडी के पटना जोनल कार्यालय ने मेसर्स अनु आनंद कंस्ट्रक्शन कंपनी की करीब 7 कराेड़ 3 लाख की अचल संपत्ति काे अस्थायी तौर पर जब्त कर ली है. यह संपत्ति जालसाजी के जरिए हासिल की गई थी. ये संपत्तियां पटना और नाेएडा में है जाे कंपनी के निदेशक के नाम पर हैं. सूत्राें के अनुसार ईडी ने बिहार पुलिस की ओर से दर्ज केस हाेने के बाद यह कार्रवाई की
ईओयू में दर्ज केस में इस कंपनी पर आराेप लगाया गया था कि पटना के दानापुर में साई इंक्लेव नामक प्राेजेक्ट का निर्माण मेसर्स अनुआनंद कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड काे करना था. इस कंपनी के निदेशक बिमल कुमार ने विभिन्न खरीदारों को इस प्राेजेक्ट में फ्लैट देने का वादा किया और उनसे माेटी रकम ली. बावजूद यह प्राेजेक्ट पूरा नहीं हुआ. फ्लैट बुक कराने वालाें ने 7 कराेड़ 82 लाख रुपये कंपनी काे दिए थे.
लेकिन, सूत्राें के अनुसार फ्लैटियराें से ली गई इस रकम काे कंपनी ने जमीन और दुकान खरीदने में लगा दिया.साथ ही पटना में आलीशान मकान बनवा लिया, जब जांच शुरू हुई ताे कंपनी ने दो संपत्तियों का ज्ञात व्यक्तियों को ट्रांसफर कर दिया. ईडी की टीम ने इसी साल सितंबर में अनु आनंद कंस्ट्रक्शन के पटना, नोएडा के साथ ही बेंगलुरू के आठ परिसरों में सर्च ऑपरेशन चलाया था. इस सर्च ऑपरेशन में फ्लैट हासिल करने के लिए भुगतान की गई 72 लाख की एडवांस रकम बरामद की गई थी.