पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर कहा कि वह अब एनडीए छोड़कर कहीं नहीं जाने वाले हैं. इसके साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए यह इच्छा भी जताई कि वह चौथी बार भी प्रधानमंत्री बनें. सीएम नीतीश ने बिहार एनडीए की मीटिंग में कहा, 2 बार राजद के साथ जा कर मैंने गलती की, लेकिन अब नहीं. मैं बीजेपी के साथ रहूंगा. नीतीश कुमार ने अपने पार्टी के कुछ नेताओं की ओर इशारा कर कहा कि इन्हीं लोगों के कारण मैं 2 बार गया था. बीजेपी के साथ हमारा रिश्ता 1996 से है. 2 बार गड़बड़ हुआ अब कहीं नहीं जाने वाले
बिहार की राजनीति की जब भी चर्चा होती है तो केंद्र में नीतीश कुमार ही रहते हैं. वर्ष 1996 से नीतीश कुमार एनडीए के साथ हैं. लेकिन, बीते दो दशक की बिहार की राजनीति में उनका मन बदलना तकिया कलाम बन गया है. वर्ष 2017 में तब मन बदला जब उन्होंने पाला बदल लिया और आरजेडी का साथ छोड़ एनडीए के साथ हो लिये. इसके बाद वर्ष 2022 में फिर मन बदला. हालांकि इसके पहले वर्ष 2013 भी आता है जब इन्होंने वर्तमान पीएम और गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी के नाम पर बीजेपी का साथ छोड़ दिया था. अब जब नीतीश कुमार ने कहा है कि वह पीएम मोदी को चौथी बार भी प्रधानमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं तो इन तीनों की प्रकरणों पर एक नजर डालते हैं.
मन बदलने से लेकर पाला बदली की कहानी
नीतीश कुमार का मन बदलने और फिर पाला बदलने के पीछे की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है. तीनों ही बार ऐसी पृष्ठभूमि तैयार हुई जो मन बदलने के अंत-अंत तक किसी को पता नहीं चल पाया था. पहले वर्ष 2013 की बात करते हैं. राजनीति के जानकार कहते हैं कि प्रधानमंत्री पद की महत्वाकांक्षा उनके अंदर 2010 में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद से ही बलवती हो गई थी. वर्ष 2013 आते-आते इसने और जोर मारा तो उनके अगल-बगल के लोगों ने उनको प्रोत्साहित किया और जून 2013 में नीतीश कुमार ने एनडीए का साथ छोड़ दिया.