हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने कई आरोप लगाए थे. ईवीएम में गड़बड़ी से लेकर बूथों पर वोट न डालने देने की शिकायत चुनाव आयोग से की थी. लेकिन अब मतगणना के लगभग 20 दिन बाद चुनाव आयोग ने 1600 पन्नों में एक-एक आरोप का जवाब दिया है. साफ कहा कि जिस तरह के आधारहीन आरोप लगाए गए, उससे अराजकता फैलने का डर है.
कांग्रेस ने हरियाणा चुनाव में 26 शिकायतें की थीं. चुनाव आयोग ने अनियमितताओं के वह आरोपों को निराधार बताकर खारिज कर दिया. इतना ही नहीं, आयोग ने कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों को वोटिंग और काउंटिंग जैसे संवेदनशील समय पर इस तरह के सनसनीखेज आरोप लगाने को लेकर चेताया है. चुनाव आयोग ने कहा कि इस तरह के गैर-जिम्मेदाराना आरोप अशांति और अराजकता का कारण बन सकते हैं.
चुनाव-दर-चुनाव ऐसे ही आरोप
इलेक्शन कमीशन ने कांग्रेस से कहा कि चुनाव दर चुनाव इसी तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं. हर बार ये गलत साबित होते हैं. कांग्रेस को इस तरह के आधारहीन आरोपों से दूर रहना चाहिए. जो नतीजे आपको पसंद नहीं आए, उस पर सवाल उठाना ठीक नहीं है. चुनावी नतीजों का सामना करना चाहिए और उस पर संदेह का धुआं नहीं उठाना चाहिए.
रोज-रोज शिकायतों पर अंकुश लगाएं
चुनाव आयोग ने कांग्रेस से सख्त और ठोस कदम उठाने की अपील की है. साथ ही फालतू शिकायतों की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने का आग्रह किया है. इलेक्शन कमीशन ने साफ कहा कि हरियाणा में चुनावी प्रक्रिया का प्रत्येक चरण ‘त्रुटिहीन’ था और कांग्रेस उम्मीदवारों या एजेंटों की निगरानी में किया गया था. 26 विधानसभा क्षेत्रों के रिटर्निंग अधिकारी इसका फिर से सत्यापन करते हैं. 1600 पन्नों में भेजे गए जवाब में कांग्रेस की शिकायतों पर चुनाव आयोग के अधिकारियों की प्रतिक्रिया शामिल की गई