लखनऊ. पश्चिम बंगाल, बिहार के बाद अब इंडी गठबंधन उत्तर प्रदेश में भी टूटता नजर आ रहा है. 16 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट के बाद समाजवादी पार्टी ने सोमवार को दूसरी लिस्ट भी जारी कर दी. ये वो सीटें हैं, जहां कांग्रेस ने दावा ठोका था. जिसके बाद कहा जा रहा है कि यह समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रेशर पॉलिटिक्स है. यही वजह है कि अखिलेश यादव अमेठी में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल नहीं हो रहे हैं. कहा यह भी जा रहा है कि अब गठबंधन टूट चुका है
दरअसल, सपा की दूसरी सूची में ज्यादातर नाम कांग्रेस के दावे वाले हैं. आंवला, मिश्रिख, मोहनलालगंज और बहराइच सीट कांग्रेस चाह रही थी. सपा ने बांदा जेल में बंद माफिया मुख़्तार के भाई अफजाल अंसारी को ग़ाज़ीपुर से प्रत्याशी बनाया है. मौजूदा समय में वे बसपा से सांसद हैं. इसके अलावा कद्दावर कुर्मी नेता स्वर्गीय बेनी प्रसाद वर्मा की पौत्री को समाजवादी पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है. गोंडा से श्रेया वर्मा समाजवादी पार्टी की लोकसभा प्रत्याशी होंगी. कुर्मी बिरादरी में स्वर्गीय बेनी प्रसाद वर्मा की मजबूत पैठ रही है. स्व. बेनी प्रसाद वर्मा राज्य और केंद्र में मंत्री रहे हैं.
इतना ही नहीं राष्ट्रीय लोकदल से जिस सीट को लेकर समाजवादी पार्टी से विवाद था उस पर भी समाजवादी पार्टी ने प्रत्याशी घोषित कर दिया है. समाजवादी पार्टी ने मुजफ्फरनगर से हरेंद्र मलिक को अपना प्रत्याशी बनाया है. समाजवादी पार्टी पहले से ही हरेंद्र मलिक को लड़वाना चाह रही थी मुजफ्फरनगर सीट को लेकर आरएलडी से सपा की बात नहीं बन पा रही थी.
आंवला लोकसभा से नीरज मौर्य, शाहजहांपुर से राजेश कश्यप, हरदोई से उषा वर्मा, मिश्रिख से रामपाल राजवंशी, मोहनलालगंज से आरके चौधरी, प्रतापगढ़ से डॉक्टर एसपी सिंह पटेल, बहराइच से रमेश गौतम, गोंडा से श्रेया वर्मा, गाजीपुर से अफजाल अंसारी और चंदौली से वीरेंद्र सिंह को टिकट दिया गया है.
कांग्रेस ने दी ये प्रतिक्रिया
उधर कांग्रेस की तरफ से सधी हुई प्रतिक्रिया दी गई. यूपी कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने कहा कि अभी बातचीत चल रही है. भरोसा है कि अखिलेश यादव सही फैसला लेंगे. हालाँकि अंशु अवस्थी ने यह भी कह दिया कि कांग्रेस यूपी की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़नी की तैयारी कर ली है. कांग्रेस प्रवक्ता का यह बयान दर्शाता है कि गठबंधन को लेकर दोनों दलों में सबकुछ ठीक नहीं है