रांची. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को आरोप लगाया कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन धनशोधन जांच में ‘घोर असहयोगपूर्ण रवैया’ दिखा रहे हैं. केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि सोरेन कथित तौर पर अपने द्वारा अर्जित की गई भूमि के बारे में जानकारी देने के ‘इच्छुक’ नहीं हैं.
ईडी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के 48 वर्षीय नेता को न्यायाधीश राजीव रंजन की विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत के समक्ष पेश किया, जिसने उनकी ईडी हिरासत तीन दिन के लिए और बढ़ा दी.
मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद 31 जनवरी को सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया था. एजेंसी ने अदालत को बताया कि सोरेन और उनके कथित ‘करीबी सहयोगी’ बिनोद सिंह के बीच व्हाट्सऐप चैट में एक बैंक्वेट हॉल का विवरण है, जिसे रांची के बड़गाई क्षेत्र में 8.5 एकड़ भूमि पर बनाने का प्रस्ताव था. ईडी का आरोप है कि सोरेन और उनके कथित ‘करीबी सहयोगी’ बिनोद सिंह के बीच व्हाट्सऐप चैट में एक बैंक्वेट हॉल का विवरण है, जिसे रांची के बड़गाई क्षेत्र में 8.5 एकड़ भूमि पर बनाने का प्रस्ताव था. ईडी का आरोप है कि यह अचल संपत्ति सोरेन द्वारा ‘अवैध रूप से अर्जित’ है
ईडी ने सोरेन का चार दिन का रिमांड मांगते हुए कहा, “आरोपी व्यक्ति हेमंत सोरेन घोर असहयोग दिखा रहे हैं और अपने तथा उनसे जुड़े अन्य व्यक्तियों द्वारा अर्जित संपत्तियों के संबंध में सही तथ्य बताने के इच्छुक नहीं हैं.”
एजेंसी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री का बिनोद सिंह के साथ उनकी व्हाट्सऐप चैट को लेकर सामना कराया जा रहा है जिसमें अचल संपत्तियों से संबंधित सूचनाओं का आदान-प्रदान शामिल है. इसने कहा कि सोरेन संपत्तियों के बारे में जानकारी छिपाने के लिए व्हाट्सऐप चैट संबंधी बात को स्वीकार करने से भी इनकार कर रहे हैं