पणजी. कांग्रेस नेता और सीडब्ल्यूसी के स्थायी आमंत्रित सदस्य गिरीश चोडनकर ने मंगलवार को बांग्लादेशी घुसपैठियों को जारी किए गए भारतीय पासपोर्ट को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि गोवा से भारतीय पासपोर्ट जारी कराने वाले बांग्लादेशी घुसपैठिए राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं. उन्होंने इस मामले की गहन जांच की मांग की है.
कांग्रेस नेता का यह बयान पांच बांग्लादेशियों की घुसपैठ और पुणे पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी के बाद, पणजी में क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (आरपीओ) द्वारा उनमें से तीन को भारतीय पासपोर्ट जारी करने का मामला सामने आने के बाद आया है. पांच बांग्लादेशी अवैध रूप से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी के रास्ते भारत में दाखिल हुए थे. पुणे पुलिस ने उन्हें गोवा से अवैध रूप से भारतीय पासपोर्ट प्राप्त करने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
चोडनकर ने, उन्हें पुलिस की मंजूरी कैसे मिली, सवाल उठाते हुए इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि कैसे उन्होंने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की, और बिना किसी स्थानीय दस्तावेज के जीविकोपार्जन किया. उन्होंने कहा कि इससे साबित हो गया है कि खुफिया एजेंसियां और सीमा सुरक्षा बल भारत में बांग्लादेशियों के अवैध प्रवेश पर नजर रखने में विफल रहे हैं. इस मुद्दे से विदेश मंत्रालय भी बेनकाब हो गया है. यह कांग्रेस के शासनकाल में हुआ होता तो भाजपा ने हमें निशाना बनाने के लिए इसे राष्ट्रवाद का मुद्दा बना दिया होता. आज वे इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं जो हमारी सुरक्षा से जुड़ा है.
यह जानना अजीब है कि इन बांग्लादेशी नागरिकों को गोवा से पासपोर्ट मिला और वह भी पुलिस की मंजूरी मिलने के बाद. गोवा के नागरिकों को पासपोर्ट मांगते समय जटिल प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है, लेकिन जो लोग राज्य के निवासी नहीं हैं, उन्हें पासपोर्ट आसानी से मिल जाता है.
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को चूक के लिए जिम्मेदार लोगों और विदेशी नागरिकों को पुलिस मंजूरी जारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. उचित दस्तावेजों के बिना उन्हें पासपोर्ट कैसे मिल सकता है. उन्होंने जिम्मेदारी तय करने और ऐसी घटनाओं को दोहराने से रोकने के लिए राष्ट्रीय सलाहकार परिषद से जांच कराने की पुरजोर मांग की. उन्होंने कहा, “यह एक राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है, इसलिए राज्य सरकार को भी इसकी गहन जांच करनी चाहिए और जिम्मेदार लोगों पर मामला दर्ज करना चाहिए