नई दिल्ली. गुजरात सरकार ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला लिया. राज्य में बढ़ते तेंदुओं के हमले को देखते हुए सीएम भूपेंद्र पटेल ने बड़ी संख्या में पिंजरे और ट्रंक्युलाइजर गन खरीदने की मंजूरी दे दी है. इस गन का इस्तेमाल पुलिस महकमे के लिए नहीं बल्कि वन विभाग के लिए होगा. गन की मदद से वन विभाग उग्र और बेकाबू तेंदुओं को काबू करने का प्रयास करेगा. राज्य के दक्षिणी हिस्से में बढ़ते तेंदुओं के हमलों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है. मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल की अध्यक्षता में आयोजित गुजरात सरकार के राज्य वन्यजीव बोर्ड (SBWL) की 23वीं बैठक के दौरान वन अधिकारियों ने बोर्ड के सदस्यों को सूचित किया कि पर्याप्त मात्रा में ट्रैंक्विलाइज़र बंदूकें खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है ताकि हिंसक घटनाओं को रोका जा सके. मानव-पशु संघर्ष के दौरान तेंदुओं को इन विशेष गन की मदद से नियंत्रित किया जा सकता है.
राज्य सरकार ने एक विज्ञप्ति में कहा कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) नित्यानंद श्रीवास्तव ने बैठक के दौरान मानव-पशु संघर्ष के मुद्दे पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुति दी. चूंकि दक्षिण गुजरात में आबादी का घनत्व अधिक है और तेंदुए कई बार मानव बस्तियों के करीब देखे जाते हैं, इसलिए वन विभाग ने इंसानों के लिए खतरा पैदा करने वाले तेंदुओं को पकड़ने के लिए दक्षिण गुजरात के प्रत्येक तालुका के लिए कम से कम से कम 10 पिंजरे खरीदने का फैसला किया है
इसके अलावा, सीएम को यह भी बताया गया कि मोशन-एक्टिवेटेड ट्रैप कैमरों और रेडियो कॉलर का उपयोग करके तेंदुओं की गतिविधि और व्यवहार पर बारीकी से नजर रखी जा रही है. वरिष्ठ अधिकारी ने बोर्ड को सूचित किया कि उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पांच तेंदुओं को पहले ही रेडियो कॉलर लगाया जा चुका है. हाल ही में, वन विभाग ने मानव-पशु संघर्ष के बाद पकड़े गए तेंदुओं सहित बचाए गए जंगली जानवरों को रखने के लिए मध्य गुजरात के पावागढ़ और जंबुघोड़ा में दो बचाव केंद्र स्थापित किए. श्रीवास्तव ने कहा कि दक्षिण गुजरात के सूरत और वलसाड जिलों में जंगली जानवरों के लिए दो नए बचाव केंद्र बहुत जल्द चालू हो जाएंगे.
इस मुद्दे पर बोलते हुए मुख्य सचिव राज कुमार ने वन विभाग से दीर्घकालिक समाधान के रूप में जंगल के अंदर बचाए गए तेंदुओं के लिए पुनर्वास केंद्र खोलने का अनुरोध किया. बैठक के दौरान, सीएम पटेल के नेतृत्व में बोर्ड ने एशियाई शेरों के अंतिम निवास स्थान गिर सहित सात वन्यजीव अभयारण्यों के अंदर भूमिगत ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने और मोबाइल टावर स्थापित करने जैसी 15 विभिन्न परियोजनाओं के प्रस्तावों को मंजूरी दी.