जमुई. बिहार में नदियों पर बने पुलों की गुणवत्ता को लेकर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं. ताजा मामला जमुई जिला से जुड़ा है जहां जिले के सोनो प्रखंड मुख्यालय से दर्जनों गांवों को जोड़ने वाली बरनार नदी पर बना काजवे पुल धंस गया है. पुल धंसने से पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो चुका है. बारिश के बाद पानी के बहाव के कारण पुल धंसने से दर्जनों गांव के लोगों को आवागमन में परेशानी शुरू हो गई है. सोनो और चुरहेत के बीच बरनार नदी पर बना काजवे पुल क्षतिग्रस्त होने के बाद उस पर आवागमन को प्रशासन ने बंद कर दिया है
प्रशासन के द्वारा माइकिंग करा कर लोगों को पुल से आने-जाने पर रोक लगाई जा रही है. बरनार नदी पर बने इस काजवे पुल का निर्माण 2009 में हुआ था. बरनार नदी के दूसरे तरफ रहने वाले दो दर्जन से अधिक गांव के हजारों लोगों के लिए प्रखंड मुख्यालय आने के लिए सीधे सड़क मार्ग पर यह काजवे पुल स्थित था लेकिन अब इसके क्षतिग्रस्त हो जाने से लोगों को आवागमन में काफी परेशानी होगी, क्योंकि दूसरे रास्ते के सहारे प्रखंड मुख्यालय या सोनो बाजार पहुंचने के लिए लोगों को 10 से 15 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी होगी
सबसे ज्यादा नुकसान सोनो जाकर पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं, स्कूली बच्चों और बुजुर्गों को होगा, साथ ही जो लोग जरूरी काम के लिए चंद मिनट में बाजार पहुंच जाते थे उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा. इस पुल के सहारे तेज बारिश के बाद नदी में बहाव तेज होने के कारण पुल का 8 पिलर और प्लेट धंसा है. चुरहट गांव के कामदेव सिंह ने बताया कि बीते महीना का अजमेर पुल वाले के नजदीकी बालू घाट से ठेकेदार ने बेदर्दी नियमों को तोड़कर कई फीट गहराई तक बालू निकला था जिसका असर भी काज में पुल के पिलर पर पड़ा है. पुल के पिलर के नीचे से बालू खिसक जाने और फिर नदी में बारिश के बाद पानी का तेज बहाव के कारण नुकसान पहुंचा है.
सोनो बाजार के ओमप्रकाश बरनवाल ने बताया कि पुल क्षतिग्रस्त हो जाने से व्यापारियों को भी काफी नुकसान पहुंचेगा, सरकार और प्रशासन से मांग होगी कि इसका निदान जल्द से जल्द करें. मौके पर पहुंचे सोनो के अंचलाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि पुल क्षतिग्रस्त होने की सूचना के बाद वह मौके पर पहुंचकर माइकिंग करवा रहे हैं ताकि डैमेज पुल से कोई आ जा न सके और कोई हादसा ना हो. पुल के टूट जाने की सूचना बड़े अधिकारियों को दी गई है.