नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद इनके इस्तेमाल पर चिंता जाहिर की. इसके साथ ही शीर्ष न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से कहा कि वे पटाखों के सोर्स का पता कर कार्रवाई करें.
सुप्रीम कोर्ट ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी से कहा कि पटाखे चलाने वाले लोगों पर ही सिर्फ कार्रवाई काफी नहीं है, बल्कि बाहर से आने वाले पटाखों के सोर्स का पता लगाकर उनके खिलाफ एक्शन लेना होगा. अदालत ने कहा कि ये कार्रवाई शुरू में ही होनी चाहिए क्योंकि पटाखे छोड़े जाने के बाद कार्रवाई करने का फायदा नहीं है
इस पर एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि साल 2016 के बाद दिल्ली पुलिस ने किसी को पटाखे के लिए लाइसेंस नहीं दिया है और दो सालों में क्रमशः 17 हज़ार और 10 हज़ार किलो पटाखे जब्त भी किए गए हैं.
इसके बाद कोर्ट ने टिप्पणी की कि चूंकि साल 2016 के बाद से ही पटाखों पर प्रतिबंध है, लिहाजा लाइसेंस देने का वैसे भी सवाल नहीं उठता
इससे एक दिन पहले, सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और फोड़ने पर व्यापक प्रतिबंध लगाने संबंधी दिल्ली सरकार के आदेश को लेकर हस्तक्षेप करने से बुधवार को यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि लोगों का स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है