पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देश में जातिगत जनगणना के मुद्दे को इंडिया गठबंधन का मुख्य एजेंडा बनाना चाहते थे. लेकिन, साथी दलों ने इसे स्वीकार नहीं किया. वहीं नीतीश कुमार एक मात्र ऐसे बड़े नेता हैं जो I.N.D.I.A नाम से सहमत नहीं.’ दरअसल यह सारे खुलासे चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने किए हैं. दरअसल जनसुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने I.N.D.I.A गठबंधन को लेकर कई अन्य बड़े खुलासे किए है
प्रशांत किशोर ने कहा कि विपक्षी दलों के गठबंधन को लेकर नीतीश कुमार ने जो नाम सजेस्ट किया था, उस पर कोई सहमत नहीं था. वहीं इसके अलावा प्रशांत किशोर ने खुलासा करते हुए बताया कि मुंबई में हुई तीसरी बैठक में नीतीश कुमार जातिगत जनगणना के मुद्दे को एजेंडा के तौर पर लेकर पहुंचे थे. लेकिन, उसको भी I.N.D.I.A के सभी साथी गठबंधनों ने मुख्य मुद्दे के तौर पर नहीं स्वीकार किया. तीनों बैठकों में नीतीश कुमार को जैसी अपेक्षा थी वैसी नहीं मिली
प्रशांत किशोर ने कहा कि I.N.D.I.A को लेकर मैं बताना चाहता हूं कि ये तो अभी शुरुआती दिन हैं. सभी नेताओं के साथ मिलकर बैठक करना सबसे आसान काम है. लेकिन, जब सीट शेयरिंग की बात होगी, मुद्दे की बात होगी तब आपको समझ में आएगा. जहां तक इंडिया गठबंधन के अंदर नीतीश कुमार भागीदारी का सवाल है तो इसको बिल्कुल ऑन रिकॉर्ड आप लिख लीजिए कि I.N.D.I.A की जो तीन बैठकें हुई हैं, उसमें उन्हें कोई भाव नहीं मिला है. पहली बैठक पटना में हुई जिसमें नीतीश कुमार की ऐसी अपेक्षा थी कि वो इसके सूत्रधार के रूप में उभरेंगे, इसके संयोजक बना दिए जाएंगे जो हुआ नहीं. नीतीश कुमार की अपेक्षा थी कि बंगलुरु में ये हो जाएगा पर वहां भी संयोजक की कोई चर्चा नहीं हुई.