पटना. भाजपा विरोधी पंद्रह विरोधी राजनीतिक पार्टियों की बड़ी बैठक पटना में हो रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री आवास में हो रही इस मीटिंग में सभी पार्टियों के नेताओं ने अपनी-अपनी बात रखी. सूत्रों से जो खबर सामने आ रही है इसके अनुसार, मीटिंग लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर विपक्षी पार्टियों के बीच समन्वय के लिए राष्ट्रीय संयोजक नीतीश कुमार को बनाए जाने को लेकर भी चर्चा हुई. इसके साथ ही सभी दलों का कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाने की बात पर भी चर्चा हुई.
उद्घाटन भाषण नीतीश कुमार ने दिया और इसके बाद क्रमश: मल्लिकार्जुन खड़गे, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, शरद पवार समेत सभी नेताओं ने अपनी-अपनी बातें रखीं. सूत्र बताते हैं कि इसमें इस बात की भी चर्चा हुई कि सभी दलों को एक साथ लेकर चलने की जिम्मेवारी नीतीश कुमार को दी जाए. बताया जा रहा है कि नीतीश को राष्ट्रीय संयोजक बनाया जा सकता है. दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने में अपनी अहम भूमिका निभाई है, इसलिए इस बात की चर्चा गर्म है.
बता दें कि बैठक में 15 दलों के 27 नेता शामिल हुए. इन नेताओं में नीतीश कुमार, राहुल गांधी, ममता बनर्जी, एमके स्टालिन, मल्लिकार्जुन खड़गे, भगवंत मान, अरविंद केजरीवाल, हेमंत सोरेन, उद्धव ठाकरे, शरद पवार, लालू प्रसाद यादव अखिलेश यादव, केसी वेणुगोपाल, सुप्रिया सुले, मनोज झा, फिरहाद हकीम, प्रफुल्ल पटेल, राघव चड्ढा और संजय सिंह, संजय राऊत, राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, संजय झा, सीताराम येचुरी, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ़्ती टीआर बालू , दीपंकर भट्टाचार्य, तेजस्वी यादव, अभिषेक बनर्जी, डेरेक ओ’ब्रायन, आदित्य ठाकरे और डी राजा शामिल थे.
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर धुर विरोधी भी बीजेपी से लड़ने के लिए एक साथ आने को तैयार हुए हैं. हालांकि, यह भी जानकारी आई है कि बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली अध्यादेश पर सबका साथ मांगा. लेकिन, उनकी इस मांग पर अन्य राजनीतिक दलों का क्या रुख रहा यह सामने आना बाकी है.
बता दें कि उद्धव ठाकरे समेत कई अन्य नेताओं कांग्रेस से दिल्ली अध्यादेश पर समर्थन देने की अपील की थी. वहीं, उमर अब्दुल्ला ने केजरीवाल को असहज किया और धारा 370 पर उनका स्टैंड साफ नहीं रहने की याद दिलाई. इस बैठक में कामन मिनिमम प्रोग्राम बनाने की चर्चा हुई है और बताया जा रहा है कि मोटे तौर पर सभी दल बीजेपी को 2024 रोकने के लिए सहमत हैं.