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द केरल स्टोरी के बाद ,पश्चिम बंगाल पुलिस के निशाने पर आयी फिल्म ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल

नई दिल्ली. निर्देशक सुदीप्तो सेन की फिल्म ‘द केरल स्टोरीज (The Kerala Story)’ को लेकर पश्चिम बंगाल में सियासत अभी शांत भी नहीं हुई थी कि अब वहां पर एक और हिंदी फिल्म पर बवाल मचने के संकेत मिले हैं. दरअसल, अब पश्चिम बंगाल पुलिस के निशाने पर फिल्म ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल (The Diary of West Bengal Controversy)’ के निर्देशक सनोज मिश्रा आ गए हैं.

बंगाल पुलिस ने निर्देशक पर राज्य को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ एक नोटिस जारी किया है. ANI के मुताबिक, पश्चिम बंगाल पुलिस ने ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ के निर्देशक को नोटिज जारी किया है. पश्चिम बंगाल पुलिस ने आरोप लगाया है कि निर्देशक इस फिल्म से बंगाल को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं.’

द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ के निदेशक सनोज मिश्रा को 30 मई को पश्चिम बंगाल के एमहर्स्ट स्ट्रीट पीएस में पूछताछ के लिए सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत नोटिस दिया गया है. इस फिल्म को लेकर आईपीसी की विभिन्न धाराओं, आईटी एक्ट और सिनेमैटोग्राफी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. अब देखना यह होगा कि इस मामले में आगे क्या होता है, फिलहाल निर्देशक ने इस नोटिक का जवाब देते हुए बंगाल पुलिस से गुहार लगाई है कि उन्हें एक महीने की मोहलत दी जाए, क्योंकि वह अभी उस स्थिति में नहीं हैं कि वह 30 मई तक वहां पहुंच सके

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वहीं, दूसरी ओर डायरेक्टर ने अपने फेसबुक एक लंबी चौड़ी पोस्ट के जरिए पीएम मोदी से मदद की गुहार लगाई है. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, ‘स्वतंत्र भारत में अपनी बात कहने का अधिकार सबको है, लेकिन फिर भी निरंकुश शासक और तानाशाह आज भी देश को और देश के नागरिकों को अपना गुलाम समझते हैं. अभिव्यक्ति की आजादी की बात को लेकर ही मैंने तीस साल पहले अपना घर छोड़ कर मुंबई फिल्म इंडस्ट्री में आया था, मेरी फिल्म ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ को बिना देखे बिना जाने ट्रेलर के आधार पर बंगाल में मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है, मुझे गिरफ्तार कर जेल में मारा जा सकता है, मैंने सिर्फ एक फिल्म बनाई है, मैंने कोई गुनाह नहीं किया है और न ही मेरा कोई अपराधिक रिकॉर्ड है, सच बोलने के लिए मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है. मैं तो तनाव में नहीं हूं, लेकिन मेरा परिवार बहुत ही दबाव में जी रहा है क्योंकि मैं अकेला ही अपने मां बाप का श्रवण कुमार अपनी बेटियों का शक्तिमान अपने गांव के किसी भी व्यक्ति का संकटमोचन अपने भाइयों की रेखा हूं. मां को एक हृदय आघात के बाद अपनी आंख खोनी पड़ी है. इस वक्त भी उनको न जाने कहां से सास बहू के लड़ाई वाले धारावाहिक के बाद ये सुनाई दे गया कि मैं मुश्किल में हूं तब से मुझ पर पारिवारिक दबाव है, लेकिन ये एक फिल्म नहीं आंदोलन है और मुझे आप सबसे उम्मीद है कि अगर मेरे साथ कुछ भी होता है तो ये आंदोलन बंद नहीं होना चाहिए. जन जागरण से हमें ये बताना है कि हम धरती पर एक जिंदा इंसान हैं और लोगों के दुख दर्द से हम सबको भी फर्क पड़ता है. समय आ गया है सोशल मीडिया और फेसबुक से निकल कर फेस टू फेस सामने आने का, बंगाल पुलिस के हवाले होने का मतलब मेरी मौत है, मैं आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी गृह मंत्री अमित शाह जी के साथ ही मेरे प्रदेश के मुख्य मंत्री श्री योगी आदित्य नाथ जी से इस मामले को संज्ञान में लेकर उचित और संवैधानिक सहयोग की अपील करता हूं.वसीम रिजवी फिल्म्स के बैनर तले बन रही इस फिल्म को नारायण सिंह निर्मित किया गया है. ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ मशहूर निर्देशक सनोज मिश्रा द्वारा लिखित और निर्देशित है. फिल्म सच्ची घटनाओं पर आधारित है. फिल्म के प्रचारक संजय भूषण पटियाला है.

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