नई दिल्ली. दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) सहित पूरे नार्थ इंडिया (North India) में हालिया बारिश (Rains) के बाद भी लोगों को भीषण गर्मी (Heat Wave) से राहत नहीं मिलने वाली है. पिछले कुछ दिनों से पूर्वोत्तर के राज्य, झारखंड और पश्चिम बंगाल को छोड़कर पूरे देश में जमकर बारिश हुई है. महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में उम्मीद से 10 से 15 गुना ज्यादा बारिश हुई. इसके बावजूद आने वाले दिनों में दिल्ली-एनसीआर, यूपी, बिहार, हरियाणा, राजस्थान, एमपी सहित दक्षिण के कई राज्यों में तपिश लोगों को परेशान करेगी. ऐसे में हालिया असामान्य बारिश मौसम के पैटर्न में बढ़ती अनिश्चितता की याद दिलाती है. यह हाल न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व की है. मई के पहले दो दिनों में असामान्य बारिश हुई थी. इसके बावजूद यह साल गर्म और सूखा रहने का अनुमान है.
दिल्ली में इस बार मई महीने में होने वाली तपिश गायब है. मौसम के जानकार कहते हैं, ‘अप्रैल के आखिरी महीने में और मई महीने में थोड़े-थोड़े अंतराल के बाद पश्चिमी विक्षोभ आ रहे हैं, जिसके चलते दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में बुंदाबांदी और तेज हवा का दौर बना हुआ है. दिल्ली में सामान्य तौर पर अमूमन हर साल 20 मिलीमीटर के आसपास बारिश होती है. जबकि, पिछले आठ दिनों में तकरीबन 52 मिलीलीटर बारिश हुई है.
मई में बारिश के बाद अब पड़ेगी तपिश
अगर राजधानी दिल्ली की बात करें तो बीते 15 सालों में तीसरी बार मई महीने में इतनी बारिश हुई है. दिल्ली में इस महीने अब तक 50 मिलीमीटर के आसपास बारिश हो चुकी है. इससे पहले मई महीने में साल 2014 में 100.2 मिलीमीटर और साल 2021 में 144.8 मिलीमीटर बारिश हुई थी.
क्या कहना है मौसम विभाग का
मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले दिनों में दिल्ली के ज्यादातर हिस्सों में तेज धूप निकलती रहेगी. यह धूप धीरे-धीरे और तेज हो जाएगी. अभी यह धूप सामान्य से नीचे बना हुआ है. अभी दिल्ली की अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस के आस-पास बनी रहेगी. साथ ही मौसम की गतिविधियों के चलते हवा अगले कुछ दिनों तक लगातार साफ-सुथरी बनी रहेगी. अभी दिल्ली का वायु गुणवत्ता सुचकांक 130 के आस-पास है, जो मध्यम श्रेणी का माना जाता है.
गौरतलब है कि वियतनाम और चीन जैसे देशों में भी तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. पिछले दिनों वियतनाम में तापमान रिकॉर्ड तोड़ते हुए 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. यह तापमान उत्तरी प्रांत के थान्ह हो में दर्ज किया गया. विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान इस सीमा को भी बहुत जल्द पार कर जाएगा. डॉक्टरों का कहना है कि अत्यधिक गर्मी के समय लोगों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए.