News Times 7
टॉप न्यूज़बड़ी-खबरब्रे़किंग न्यूज़

जानिए आखिर क्यों भरी अदालत में सुप्रीम कोर्ट के जज ने मांगी माफी

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई (B.R. Gavai) ने एक मामले में 2 महीने की देरी से फैसला सुनाने पर माफी मांगी है. जस्टिस गवई ने न्यायपालिका में देरी से फैसला सुनाने के मामलों में अनूठा उदाहरण पेश किया. देश की न्यायपालिका के इतिहास में ऐसा पहली बार ऐसा हुआ है, जब किसी जज ने देरी से फैसला सुनाने पर माफी मांगी है. जस्टिस गवई ने चंडीगढ़ से संबंधित मामले में देरी से फैसले देने के लिए न केवल माफी मांगी, बल्कि देरी का कारण भी पक्षकारों को बताया. जस्टिस बी.आर. गवई और एम.एम. सुंदरेश चंडीगढ़ शहर में एकल आवासीय इकाइयों (single residential units) को अपार्टमेंट (apartments) में बदलने के बड़े पैमाने पर चलन के खिलाफ दायर याचिका के एक मामले में फैसला सुना रहे थे.

जस्टिस बी.आर. गवई ने कहा कि ‘हमें विभिन्न कानूनों के सभी प्रावधानों और उनके तहत घोषित किए गए नियमों पर विचार करना था.’ जस्टिस गवई ने कहा कि इसके कारण 3 नवंबर, 2022 को फैसला सुरक्षित रखने के बाद से इसे सुनाने में दो महीने से अधिक समय लग गया. जस्टिस गवई ने कहा कि स्थायी विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच उचित संतुलन बनाने की भी जरूरत है. केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन को चंडीगढ़ के विकास के चरण एक में एकतरफा रूप से इस तरह कि प्रैक्टिस की मंजूरी देने से इसके पर्यावरणीय प्रभाव के साथ ही संबंधित क्षेत्र की विरासत की स्थिति को ध्यान रखने के मद्देनजर जस्टिस गवई ने टिप्पणी की. जस्टिस गवई ने कहा कि अब समय आ गया है कि केंद्र और राज्य स्तर पर विधायिका, कार्यपालिका और नीति निर्माता अव्यवस्थित विकास के कारण पर्यावरण को होने वाले नुकसान पर ध्यान दें और यह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाए, ताकि विकास पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाए.

कौन है जस्टिस गवई
जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई ने 1985 में एक वकील के रूप में रजिस्ट्रेशन कराया और मुख्य रूप से बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में वकालत की प्रैक्टिस की. उन्होंने एक सरकारी वकील और फिर महाराष्ट्र सरकार के लिए सरकारी अभियोजक के रूप में कार्य किया. न्यायमूर्ति बी.आर. गवई को तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम के नामांकन के बाद 2019 में सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया था. उन्होंने नवंबर 2003 और मई 2019 के बीच 15 से अधिक साल तक बॉम्बे हाई कोर्ट के जज के रूप में भी कार्य किया.अगर वरिष्ठता का पालन किया जाता है, तो जस्टिस गवई 14 मई से 24 नवंबर, 2025 तक भारत के चीफ जस्टिस के रूप में कार्य करेंगे. मई 2019 में सुप्रीम कोर्ट में अपनी पदोन्नति के बाद से न्यायमूर्ति गवई ने 68 फैसले (मई 2022 तक) दिए हैं. ये फैसले आपराधिक मामलों, संपत्ति, बिजली, परिवार और मोटर वाहन कानूनों से जुड़े हैं.

Advertisement
Advertisement

Related posts

नवरात्रि में मां वैष्णो देवी समेत 5 मंदिरों के दर्शन के लिए IRCTC लेकर आया है खास टूर पैकेज

News Times 7

यूपी में लगातार बढ़ रहे डेंगू के मरीज, अस्पतालों में लग रही लंबी कतार, ऐसे पहचाने लक्षण

News Times 7

3700 करोड़ के बैंक फ्रॉड में 11राज्यों के100 ठिकानों पर छापे

News Times 7

Leave a Comment

टॉप न्यूज़
ब्रेकिंग न्यूज़