छपरा. एक तरफ सारण में जहरीली शराब से लगातार लोगों की मौत हो रही है. यह आंकड़ा अब 40 के पार पहुंच गया है. लेकिन, जिला प्रशासन पर आरोप लग रहा है कि वह मौत के आंकड़ों को दबाने में लगा है. ये आरोप उनलोगों के हैं जिनके परिजनों ने जहरीली शराबकांड में अपनी जिंदगी को खो दी है. मतकों के परिजनों ने अमनौर में जमकर हंगामा किया और थाने का घेराव किया. अमनौर में लोगों ने सड़क पर आगजनी कर सड़क को जाम कर दिया और प्रशासन से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की
लोगों का कहना है कि मौत की घटनाओं के बाद प्रशासन ने लोगों पर दबाव बनाया कि लोग यह बयान दे कि ठंड से और बीमारी से मौत हुई है. वहीं, छपरा में हुए शराबकांड पर डीएम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अब तक 26 लोगों की मौत की पुष्टि कर दी है. राजेश मीणा और एसपी संतोष कुमार ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 13 और 14 दिसंबर को हुई मौतों को संदिग्ध मौत बताया है. हालांकि, डीएम ने इस मामले में की जा रही कार्रवाई का ब्योरा दिया है. लेकिन, बड़ा सवाल यह है कि जब सभी जगह जहरीले शराब से मौत की बात कही जा रही है तो प्रशासन इन मौतों को अभी तक संदिग्ध क्यों बता रहा है?
दूसरी ओर छपरा में जहरीली शराब कांड के बाद मौत के आंकड़ों को लेकर भले ही प्रशासन पर हेराफेरी के आरोप लग रहे हों, लेकिन श्मशान घाट में अचानक बढ़ी संख्या कुछ और ही इशारे कर रहे हैं. गुरुवार दोपहर तक सिमरिया स्थित श्मशान घाट में 20 लोगों के शव का अंतिम संस्कार किया गया है जो आम दिनों की अपेक्षा काफी अधिक है. इसे लेकर यहां के दुकानदार और घाट के डोम राजा भी हैरत में हैं.