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गुजरात चुनाव से पहले राज्य में भाजपा सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की हो सकती है घोषणा

गुजरात चुनाव से पहले राज्य की भाजपा सरकार प्रदेश में यूसीसी यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) लागू करने की घोषणा करने जा रही है. इसको लेकर आज दोपहर गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ऐलान कर सकते हैं. सूत्रों की मानें तो गुजरात सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए कमेटी बनाएगी. इस संबंध में शनिवार को कैबिनेट में प्रस्ताव आ सकता है. हाईकोर्ट के रिटायर जज यूसीासी पर बनी इस कमेटी की अध्यक्षता करेंगे. राज्य के गृह मंत्री हर्ष सांघवी आज दोपहर 3 बजे इसके बारे में विस्तार से जानकारी दे सकते हैं.चुनाव से पहले यूनिफॉर्म सिविल कोड का दांव चल सकती है गुजरात सरकार, कमेटी  बनाने की तैयारी - Before elections government of Gujarat can play stake Uniform  Civil Code preparing form ...

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि काफी लंबे समय से भाजपा के प्रमुख चुनावी मुद्दों में रामजन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर का निर्माण, जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल-370 की समाप्ति के अलावा देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करना शामिल रहा है. अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 समाप्त हो चुका है, अब यूसीसी का मुद्दा शेष रह गया है. भाजपा इसके पक्ष में रही है कि देश के सभी नागरिकों के लिए समान कानून होना चाहिए. धर्म के आधार पर अलग-अलग व्यवस्था न हो. शादी, तलाक और संपत्ति जैसे मुद्दों पर एक जैसी व्यवस्था हो. इसके लिए केंद्रीय स्तर पर फिलहाल कोई प्रयास तो नजर नहीं आ रहा, लेकिन भाजपा शासित राज्य इस संबंध में जरूर निर्णय ले रहे हैं. उत्तराखंड पहले ही राज्य में यूसीसी लागू करने को लेकर कमेटी गठित कर चुका हैगुजरात सरकार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में लागू कर सकती है UCC

यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है?
यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) सभी धार्मिक समुदायों पर लागू होने के लिए ‘एक देश एक नियम’ का आह्वान करता है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 44 के भाग 4 में ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ शब्द का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है. भारतीय संविधान का अनुच्छेद 44 कहता है कि ‘राज्य भारत के पूरे क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता को सुरक्षित करने का प्रयास करेगा.’ यह कोड विवाह, तलाक, रखरखाव, विरासत, गोद लेने और उत्तराधिकार जैसे क्षेत्रों को कवर करता है. यूसीसी इस विचार पर आधारित है कि आधुनिक सभ्यता में धर्म और कानून के बीच कोई संबंध नहीं है. डॉ. बी आर आम्बेडकर ने संविधान का प्रारूप तैयार करते समय कहा था कि यूनिफॉर्म सिविल कोड वांछनीय है, लेकिन फिलहाल यह स्वैच्छिक रहना चाहिए, और इस प्रकार संविधान के मसौदे के अनुच्छेद 35 को भाग IV में ‘राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतोंद’ के एक भाग के रूप में जोड़ा गया था. भारतीय संविधान में अनुच्छेद 44 के रूप में

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