नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग आज दिल्ली के विज्ञान भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा. ईसी ने अपनी इस पीसी के पीछे का मकसद तो नहीं बताया है, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा हो सकती है. गुजरात चुनाव को लेकर सस्पेंस अभी बरकरार है. सूत्रों की मानें तो
गुजरात चुनाव की तारीखों का ऐलान दिवाली के बाद कर सकता है और दोनों राज्यों के चुनाव परिणाम एक साथ जारी हो सकते हैं. सितंबर में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे चुनावी तैयारियों का जायजा लेने हिमाचल प्रदेश और गुजरात के दौरे पर गए थे. तबसे कयास लगाए जा रहे थे कि शीतलहर शुरू होने से पहले दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न कराए जा सकते हैं.
नवंबर मध्य तकहिमाचल प्रदेशके अधिकांश हिस्से में बर्फबारी शुरू हो जाएगी, ऐसे में मतदाताओं को पोलिंग बूथ तक पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. निर्वाचन आयोग ने भी अपने बयान में कहा था कि बर्फबारी को ध्यान में रखकर विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होगा. आपको बता दें कि गुजरात की वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 18 फरवरी और हिमाचल प्रदेश की विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 8 जनवरी को समाप्त होगा. पिछली बार भी दोनों राज्यों के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा अलग-अलग हुई थी, लेकिन मतगणना की तारीख एक ही थी. हिमाचल प्रदेश में अक्सर एक चरण में, तो गुजरात में 2 चरणों में चुनाव संपन्न होते हैं. फिलहाल दोनों राज्यों में भाजपा सत्ता में है.
गुजरात में 182 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव
गुजरात में कुल 182 सीटें हैं. इनमें 40 सीटें आरक्षित हैं, 13 सीटें अनुसूचित जाति के लिए और 27 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 99 और कांग्रेस ने 77 सीटों पर जीत दर्ज की थी, 2 सीटें भारतीय ट्राइबल पार्टी, 1 सीट एनसीपी को मिली थी, बाकी 3 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे. इसमें कांग्रेस समर्थित जिग्नेश मेवाणी भी शामिल थे, जो अब कांग्रेस पार्टी में शामिल हो चुके हैं. गुजरात में बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही मुख्य मुकाबला होता रहा है. इस बार आम आदमी पार्टी भी मैदान में है.
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की कुल 68 सीटें
हिमाचल प्रदेश में 68 विधानसभा सीटें हैं. सरकार बनाने के लिए 35 सीटों की जरूरत पड़ेगी. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में राज्य की 17 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थीं और 3 विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लिए. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 44, कांग्रेस ने 21 और अन्य ने 3 सीटों पर जीत दर्ज की थी. यहां मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही दिखाई पड़ रहा है. आम आदमी पार्टी ने पंजाब चुनाव के बाद सक्रियता बढ़ाई जरूर थी, लेकिन अब उसका पूरा फोकस गुजरात पर है.