नई दिल्ली. भारत सरकार 5जी नेटवर्क को बढ़ावा देने के लिए ऐपल, सैमसंग और अन्य मोबाइल फोन निर्माताओं को फोन्स के सॉफ्टवेयर अपग्रेड करने के लिए दबाव बनाएगी. सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब टेलीकॉम कंपनियों ने इस बात को लेकर चिंता जताई जा रही कि इन कंपनियों के कई मॉडल हाल ही में लॉन्च की गई हाई-स्पीड सर्विस के लिए तैयार नहीं हैं. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अक्टूबर को धूमधाम के साथ 5G सर्विस की शुरुआत की थी.
5जी सर्विस की लॉन्चिंग के दौरान प्रमुख दूरसंचार ऑपरेटर रिलायंस जियो ने कहा था कि वह इस सर्विस को चार शहरों में रोलआउट करेगी, जबकि भारती एयरटेल आठ शहरों में सेवाउपलब्ध कराएगी. दोनों कंपनियों ने कहा कि अगले साल इस सेवा का विस्तार किया जाएगा. हालांकि, Apple के iPhone मॉडल, जिनमें लेटेस्ट iPhone 14 और सैमसंग के कई प्रमुख फोन शामिल हैं. यह फोन भारत में 5जी कम्पैटिबल नहीं हैं.
5G को जल्दी अपनाने के लिए बैठक
5G को जल्दी अपनाने के लिए टेलीकॉम और आईटी विभाग के अधिकारी बुधवार को एक बैठक करेंगे. बैठक में Apple, Samsung, Vivo और Xiaomi के साथ-साथ घरेलू टेलीकॉम ऑपरेटर Reliance, Airtel और Vodafone Idea के अधिकारी भी शामिल होंगे.
मीटिंग के लिए नोटिस जारी
क्लोज-डोर मीटिंग के लिए जारी किए गए एक नोटिस में कहा गया है कि बैठक के एजेंडे में बातचीत करने के साथ हाई-स्पीड नेटवर्क का सपोर्ट करने के लिए सॉफ्टवेयर अपग्रेड जारी करना भी शामिल है. जानकारी के मुताबिक फिलहाल ऐपल ने सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स, वीवो, श्याओमी कॉर्प के साथ-साथ घरेलू टेलीकॉम ऑपरेटरों ने मामले में कोई भी टिप्पणी नहीं की है.
कृषि और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों को लाभ
भारत सरकार ने कहा है कि चीन के बाद दुनिया के सबसे बड़े मोबाइल बाजार में 5जी के लॉन्च से ग्राहकों को हाई-स्पीड इंटरनेट मिलेगा, साथ ही कृषि और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक लाभ भी होगा. सूत्रों ने कहा कि जहां दूरसंचार कंपनियां और स्मार्टफोन कंपनियां एक-दूसरे के साथ चर्चा कर रही हैं, वहीं भारत में दूरसंचार कंपनियों की स्पेसिफिक 5जी तकनीक और फोन सॉफ्टवेयर के बीच कम्पैबलिटी मुद्दों को दूर करने में समय लग रहा है.