मुंबई. शिवसेना ने कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का समर्थन किया है. पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें कांग्रेस से आज भी डर लगता है. इसके अलावा पार्टी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबीं आज़ाद पर भी निशाना साधा है और कहा है कि दोनों एक सिक्के के दो पहलू हैं. बता दें कि कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ आज से शुरू हो रही है. कन्याकुमारी से श्रीनगर की 3,570 किलोमीटर लंबी यात्रा 150 दिनों तक चलेगी.
संपादकीय में बीजेपी पर निशाना साधते हुए लिखा है, ‘कांग्रेस पार्टी द्वारा ‘भारत जोड़ो’ यात्रा की घोषणा करते ही भारतीय जनता पार्टी के नेता व प्रवक्ता आलोचना करने लगे. इसका सीधा अर्थ है कि भाजपा को आज भी कांग्रेस से भय लगता है. ऐसा नहीं होता तो हताश, निराश और कमजोर हुई कांग्रेस की यात्रा की दखल लेने की जरूरत नहीं थी. यात्रा का संदेश जनता के मन को छू रहा है. ‘मिले कदम, जुड़े वतन’ इस यात्रा का नारा है. इस पर टिप्पणी करने, खिल्ली उड़ाने जैसा क्या है?’
भाजपा को होगी परेशानी!
शिवसेना के मुताबिक अगर कांग्रेस फिर से उठ गई तो भाजपा के सामने दिक्कतें खड़ी हो जाएंगी. लिखा है, ‘राहुल गांधी, प्रियंका गांधी जन समर्थन प्राप्त करने में सफल हो गए तो? इस डर से ‘भारत जोड़ो’ पर व्यक्तिगत टिप्पणी की जा रही है. देश की सबसे बड़ी पार्टी को यह शोभा नहीं देता. कांग्रेस या अन्य किसी पार्टी ने राष्ट्रीय एकता के लिए कोई कार्यक्रम निश्चित किया है तो उस पर कोई अपशकुन न करे. ऐसे कार्यक्रम वर्तमान में राष्ट्रीय एकता के लिए होने ही चाहिए.’
कांग्रेस की तारीफ
संपादकीय में शिवसेना ने कांग्रेस की तारीफ भी की है. लिखा है, ‘आज भी दिल्ली में इस तरह के आंदोलन करने का नैतिक बल कांग्रेस पार्टी में है. पार्टी भले ही कमजोर हो गई है फिर भी देश की सबसे पुरानी राष्ट्रीय पार्टी वही है. स्वतंत्रता संग्राम की महान विरासत इस पार्टी को मिली है. भारतीय जनता पार्टी के पास ऐसी कोई विरासत हो तो बताए. कांग्रेस ने 70 वर्ष में क्या किया, जैसे सवाल पूछने वालों को अपनी जन्मतारीख की एक बार जांच करनी चाहिए. हमारे कांग्रेस के साथ मतभेद हैं और रहेंगे.’
आजाद और शिंदे पर निशाना
शिवसेना ने आजाद और शिंदे पर निशाना साधते हुओ लिखा, ‘कश्मीर में गुलाम नबी आजाद और महाराष्ट्र में शिंदे ये दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. बिहार में नीतिश कुमार ने अलग भूमिका अपनाई तो उनकी पार्टी के मणिपुर के पांच विधायकों को भाजपा ने तोड़ लिया. केंद्रीय जांच एजेंसियां हाथ में न हों तो आज की भाजपा ताश के पत्तों के बंगले की तरह ढह जाएगी और कल को सत्ता चली गई तो हममें से कइयों को भ्रष्टाचार, देशद्रोह, देश बेचने जैसे मुकदमों का सामना करना पड़ेगा, यह भय भाजपा को सता रहा है.’