रांची. झारखंड में JSSC के द्वारा प्लस टू शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया ने राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है. 3120 शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर सत्ताधारी दल जेएमएम के अंदर से ही बगावत की आवाज बुलंद होती दिख रही है. पिछले कुछ महीनों से सरकार से नाराज चल रहे जेएमएम विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने बगैर स्थानीय नीति और नियोजन नीति निर्धारित हुए, इस नियुक्ति को झारखंडी युवा के हित के खिलाफ बताया है. बीजेपी ने भी राज्य सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग कर दी है.
झारखंड में JSSC के द्वारा प्लस टू शिक्षकों के 3120 पद के लिए निकाले गए नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर सवाल उठने लगे हैं. 25 अगस्त से लिए जाने वाले ऑनलाइन आवेदन को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. बगावत की आवाज जेएमएम से नाराज चल रहे लोबिन हेम्ब्रम ने उठाया है.
लोबिन हेम्ब्रम का कहना है कि बगैर स्थानीय नीति और नियोजन नीति का निर्धारित किये, ऐसा करना झारखंडी युवा के हित में नहीं होगा. वर्तमान सरकार ने चुनाव से पहले राज्य के युवाओं से पहले नीति निर्धारण और उसके बाद नियुक्ति प्रक्रिया का वायदा किया था, पर अब ऐसा नहीं हो रहा है
जेएमएम ही नहीं सहयोगी दल कांग्रेस ने भी प्लस टू शिक्षक नियुक्ति मामले में स्थानीय और नियोजन नीति को जरूरी बताया है. कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा है कि नीति निर्धारण के बगैर नियुक्ति प्रक्रिया राज्य सरकार के लिये चुनौती है. ये सच है कि इस वक्त राज्य में नियुक्ति प्रक्रिया को तेज करना जरूरी है, लेकिन सरकार को ऐसी व्यस्था करनी होगी जिसमें ऐसे नियुक्ति के दौरान राज्य के युवाओं को ही मौका मिले. दूसरे राज्यों का कब्जा ना हो जाये.
राज्य की मुख्य विपक्षी दल बीजेपी ने नियुक्ति प्रक्रिया को राज्य के युवाओं के साथ छलावा बताया है. बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष किसलय तिवारी ने कहा है कि वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार सिर्फ घोषणाओं की सरकार है. युवाओं को रोजगार देने से लेकर नहीं देने की स्थिति में बेरोजगारी भत्ता देने का वादा करने वाली हेमंत सोरेन सरकार अब तक कुछ भी नहीं कर पाई. अब जो नियुक्ति प्रक्रिया की शुरुआत हुई है उसमें किसको मिलेगा- कैसे मिलेगा, कुछ भी तय नहीं है.