पटना. बिहार में कई जिले जहां सूखे की चपेट में है तो वहीं, दूसरी तरफ नेपाल (Nepal) में हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से राज्य की कई नदियां उफान पर हैं. इस वजह से बिहार के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है जिसे देखते हुए जल संसाधन विभाग अलर्ट मोड में आ गया है. जो नदियां उफान पर हैं उनमें कोशी, कमला बलान और बागमती का नाम शामिल है. इसके अलावा, गंडक नदी में भी जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. जाहिर है एक तरफ कई नदियां पूरे उफान पर हैं वहीं, दूसरी तरफ बिहार में जून-जुलाई में सामान्य से 39 प्रतिशत कम बारिश हुई है, जिसकी वजह से कई जिले सूखे की चपेट में हैं. जल संसाधन विभाग ने इस संकट से निपटने के लिए नहरों में पानी की उपलब्धता के लिए निर्देश जारी किये हैं.
दरअसल नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में पिछले दो दिन में हुई भारी बारिश का असर बिहार की कई नदियों के बढ़े हुए जलस्तर के रूप में देखा जा रहा है. सोमवार को कोशी, बागमती और कमला बलान का जलस्तर कई स्थान पर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है, जबकि बिहार इस वर्ष अभी तक मॉनसून की बेरुखी की वजह से सूखे जैसी उत्पन्न स्थिति से जूझ रहा है. नदियों के बढ़े जलस्तर के मद्देनजर जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने मुख्यालय से लेकर फील्ड तक के सभी अधिकारियों एवं अभियंताओं को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिये हैं. सभी तटबंधों की सुरक्षा के लिए विभाग की टीमों के द्वारा रात्रि गश्ती की जा रही है.
बिहार में एक जून से 31 जुलाई तक कुल 306.9 एमएम बारिश हुई है, जबकि मॉनसून सामान्य रहने पर 503.8 एमएम बारिश होनी चाहिए थी. इस तरह राज्य में इस वर्ष मॉनसून सीजन में सामान्य से 39 प्रतिशत कम बारिश हुई है.
नेपाल में भारी बारिश से बिहार में नदियां उफान पर
इस बीच पिछले दो दिन से नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण बिहार में स्थित प्रमुख बराजों पर पानी का दबाव लगातार बढ़ रहा है. चाहे वाल्मीकि नगर बराज हो या फिर बीरपुर स्थित कोसी बराज सभी पर लगातार नजर रखी जा रही है.
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों और अभियंताओं को सभी तटबंधों की सुरक्षा के लिए अलर्ट कर दिया गया है. रात्रि गश्ती और किसी भी खतरे की स्थिति में त्वरित कार्रवाई के लिए हर किलोमीटर पर एक स्थानीय प्रहरी की तैनाती की गई है. साथ ही संवेदनशील स्थलों पर बाढ़ सुरक्षात्मक सामग्रियों का पर्याप्त मात्रा में भंडारण किया गया है. मुख्यालय स्तर पर वरीय अधिकारियों द्वारा पल-पल का अपडेट लिया जा रहा है. जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा खुद भी फोन कॉल और व्हाट्सएप ग्रुप्स के जरिये अहले सुबह से लेकर देर रात तक अपडेट प्राप्त कर रहे हैं और जरूरी निर्देश दे रहे हैं.
इसके अलावा, चौबीसों घंटे कार्यरत कॉल सेंटर के जरिये बाढ़ से जुड़ी जानकारी ली जा रही है. वहीं, जल संसाधन विभाग की ओर से सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से लगातार अनुरोध किया जा रहा है कि यदि किसी व्यक्ति को अपने इलाके के तटबंध में कटाव, रिसाव, दरार या पाइपिंग दिखे, या फिर तटबंध की सुरक्षा को किसी अन्य प्रकार का खतरा प्रतीत हो तो वो विभाग के टॉल फ्री नंबर 1800-345-6145 पर कॉल कर के सूचना या ट्विटर पर हैशटैग हेलो डब्ल्यूआरडी के साथ ट्वीट कर सूचना दे सकता है. विभाग के द्वारा ऐसी सूचनाओं पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है.