भोपाल. मध्य प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक माहौल तेजी से बदल रहा है. समाजवादी पार्टी एकदम गायब है. बसपा का प्रदर्शन भी औसत रहा. आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम ने जोरदार तरीके से एंट्री मार दी है. नगरीय निकाय चुनाव में निर्दलियों ने जिस मजबूत तरीके से हर जगह मैदान जीता है वो प्रदेश के सारे समीकरण उलटा करता दिख रहा है.
मध्य प्रदेश में बदल रहे सियासी माहौल के बीच नगरीय निकाय चुनाव में आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम की एंट्री ने कांग्रेस और बीजेपी के लिए खतरे की घंटी बजा दी है. नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के अलावा निर्दलियों ने अपना दम दिखाया है. उसमें आम आदमी पार्टी सबसे ज्यादा असरदार साबित हुई है. पिछली बार के निकाय चुनाव के मुकाबले इस बार 123 निर्दलीय उम्मीदवार ज्यादा जीते हैं. प्रदेश भर में 988 यानि 13 फ़ीसदी पदों पर निर्दलीयों ने जीत दर्ज की है. ये संख्या कांग्रेस और बीजेपी का खेल बिगाड़ने के लिए पर्याप्त है. हालांकि निर्दलियों में ऐसे चेहरों की संख्या ज्यादा है जो बीजेपी और कांग्रेस से बागी हैं.
आम आदमी पार्टी का जलवा
आम आदमी पार्टी ने सिंगरौली में महापौर का पद जीत लिया. इसी के साथ प्रदेश भर में पार्षदों के 64 पद जीतकर प्रदेश में बसपा को पीछे छोड़ तीसरी ताकत बनने की दस्तक दे दी है. आम आदमी पार्टी के सबसे ज्यादा 5 पार्षद सिंगरौली में जीते हैं. इसके अलावा यहां 7 सीटों पर आप के उम्मीदवार मामूली अंतर से हारे हैं. साफ है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में आप के प्रत्याशियों की संख्या और ताकत दोनों बढ़ेगी. 2014 में प्रदेश भर में 865 निर्दलीय पार्षद जीते थे. इस बार इसमें 123 सदस्यों की बढ़ोतरी हुई है. प्रदेश में इस बार 988 निर्दलीय पार्षद जीत कर आए हैं. इनमें से आम आदमी पार्टी के 64 पार्षद जीते हैं. जबकि बहुजन समाज पार्टी के इससे 10 कम यानि सिर्फ 54 पार्षद ही जीत पाए.