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30 मिनट में खाना डिलीवरी का स्विगी का वादा पूरा न करना पड़ा महंगा, 11000 रुपए का लगा जुर्माना

भटिंडा. ऑनलाइन ऑडर पर खाना डिलीवरी करने वाली कंपनियां अक्सर जल्दी से जल्दी खाना पहुंचाने का वादा करती है. फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी को समय से खाना न पहुंचाना इस बार भारी पड़ा है. कंपनी ने वादा किया था कि वो 30 मिनट में खाना पहुंचा देगी लेकिन वो फेल रही. कंपनी ने देर से खाना पहुंचाया और ग्राहक ने केस कर दिया. अब कंपनी को जुर्माना देना है.

एक उपभोक्ता ने भटिंडा के जिला उपभोक्ता विवाद और निवारण आयोग के पास शिकायत की थी. इस केस में आयोग ने 11,000 रुपये का भुगतान करने का आदेश जारी किया है. आयोग के अध्यक्ष कंवर संदीप सिंह और सदस्य शिवदेव सिंह और परमजीत कौर की पीठ ने बुधवार को यह आदेश जारी किया है

साल  2019 का मामला
ये मामला भटिंडा का है. मोहित गुप्ता ने स्विगी के माध्यम से 7 दिसंबर 2019 को खाना ऑर्डर किया. मोहित ने वेज रोल और अफगान चाप रोल का ऑर्डर दिया था. ऑर्डर की कुल लागत 248 रुपये थी, जिसमें डिलीवरी शुल्क और जीएसटी भी शामिल था. उन्होंने 148 रुपये का ऑनलाइन भुगतान किया और शेष 100 के लिए डिस्काउंट कूपन का लाभ उठाया.Swiggy par order kaise kare - 2021 Full Tutorial in Hindi

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कम दिया ऑनलाइन रिफंड
गुप्ता ने कहा कि स्विगी ने 30 मिनट में खाना ऑर्डर करने का वादा पूरा नहीं किया. लिहाजा शिकायतकर्ता ने ऑर्डर रद्द कर दिया. कंपनी ने उन्हें केवल 74 रुपए का ऑनलाइन रिफंड दिया. इस मामले मामले में मोहित के वकील ने कहा कि शिकायतकर्ता की शेष राशि स्विगी के द्वारा बिना किसी औचित्य के काट ली गई.

स्विगी ने कहा हम जिम्मेदार नहीं
आयोग के सामने पेश होते हुए स्विगी के वकील ने दलील दी कि स्विगी न तो फूड या पेय पदार्थों का विक्रेता है और न ही खुद भोजन या पेय पदार्थ वितरित करता है. ऐसे में इस ऑर्डर की रेस्तरां या डिलीवरी पार्टनर द्वारा देरी की वजह से समस्या आई. इसलिए डिलीवरी से उत्पन्न होने वाली किसी भी कमी के लिए उसे उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है.Swiggy may acquire table-booking app Dineout: Check details here | Companies News | Zee News

 

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स्विगी ने आगे दलील दी कि उक्त ऑर्डर को रद्द किए जाने के लिए कस्टमर जिम्मेदार है. कस्टमर ने पिकअप और डिलीवरी पार्टनर द्वारा बार-बार किए गए फोन कॉल का जवाब नहीं दिया. इस कारण से डिलीवरी पते का पता लगाने में असमर्थ था.

Swiggy Instamart Quick किराने की डिलीवरी सेवा गुरुग्राम में शुरू की गईस्विगी का दावा खारिज हुआ
हालांकि, आयोग ने स्विगी के इस दावे को खारिज कर दिया कि ऑर्डर देने को आसान बनाने के अलावा शिकायतकर्ता और विरोधी पक्ष के बीच भोजन की बिक्री और खरीद के पूरे लेन-देन में उसकी कोई भूमिका नहीं है. आयोग ने कहा, “यदि स्विगी का किसी रेस्तरां या पिक-अप और डिलीवरी पार्टनर के साथ अनुबंध है तो यह स्विगी की जिम्मेदारी है कि वह काम करवाए और उस ग्राहक को उचित सेवा प्रदान करे.”

आयोग ने यह भी देखा कि स्विगी पिक-अप और डिलीवरी पार्टनर की पहचान उसके बयान या शिकायतकर्ता को उसके द्वारा किए गए कॉल के दावे का समर्थन करने वाले किसी भी सबूत सहित कोई भी विवरण देने में विफल रहा.

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