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अखिलेश की चुनौती देते हुए ओपी राजभर ने किया बड़ा ऐलान, कहा- राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को करेंगे समर्थन

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सियासत में शुक्रवार को बड़ी राजनीतिक हलचल देखने को मिली है.राजधानी लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को उनकी पार्टी समर्थन करेगी. उन्होंने कहा कि CM योगी ने मुझे बुलाकर कहा कि आप पिछड़े, दलित, वंचित की लड़ाई लड़ते हैं. आप द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करें. मैंने उनसे मुलाकात की. जिसके बाद गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात हुई. उनसे बात होने के बाद हमने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन का ऐलान किया है.

हालांकि, सपा के साथ गठबंधन पर उन्होंने कहा कि अभी तक गठबंधन जारी है. राजभर पहले भाजपा के साथ थे, लेकिन उन्होंने इस साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए गठबंधन छोड़ दिया और अखिलेश यादव के साथ हाथ मिला लिया. बता दें कि सुभासपा के 6 विधायक हैं.up assembly election 2022 om prakash rajbhar attacks keshav prasad maurya  bjp pcup | ओपी राजभर के बिगड़े बोल, कहा-2022 चुनाव में बीजेपी को जमीन में  दफन कर दूंगा, अखिलेश यादव को

बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने सोमवार को कहा था कि वह सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात करके पूछेंगे कि विपक्षी दलों के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के कार्यक्रम में उन्हें आमंत्रित क्यों नहीं किया गया. राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 18 जुलाई को होना है.अखिलेश से रार, फिर पार्टी में बगावत...राष्ट्रपति चुनाव पर ऐलान से पहले ओपी  राजभर खुद भंवर में घिरे - om prakash rajbhar party sbsp internal fight sp  akhilesh yadav up politics ...

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दरअसल, बीते कुछ समय से अखिलेश यादव और ओम प्रकाश राजभर के रिश्ते तल्ख हो चुके हैं. ओम प्रकाश राजभर लगातार अखिलेश यादव के खिलाफ बयानबाजी करते नजर आ रहे हैं. ओम प्रकाश राजभर ने तो अखिलेश यादव को एसी वाला नेता तक बताया है और एसी से बाहर आकर राजनीति करने की नसीहत तक दे दी है. हालांकि, कई मौकों पर अखिलेश यादव ने भी पलटवार किया है. बीते कुछ समय से जिस तरह के सियासी घटनाक्रम देखने को मिल रहे हैं, ऐसे में यह कहा जा सकता है कि अब दोनों के बीच गठबंधन केवल कहने भर का रह गया था. सपा से तल्खी बढ़ने की वजह राजभर की भाजपा से नजदीकी बढ़ाने की कोशिशें भी मानी जा रही हैं. इससे सपा और सुभासपा के बीच खाई और बढ़ गई है.

 

 

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