इंदौर. इंदौर के ग्रामीण इलाके सिमरोल में गुरुवार को हुए बस हादसे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इस सड़क हादसे में सरकारी सिस्टम की लापरवाही उजागर हुई है. बस को फिटनेस खत्म होने के बाद भी सड़क पर दौड़ाया जा रहा था. इस बस की न तो आरटीओ और न ही ट्रैफिक पुलिस ने जांच की. इस खौफनाक सड़क हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि 46 लोग घायल हो गए. सभी घायलों को इलाज के लिए एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस बस हादसे में 11 लोग छत्तीसगढ़ के थे. छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने उनके इलाज के लिए अस्पताल प्रबंधन से बात भी की.
गौरतलब है कि इंदौर के सिमरोल थाना इलाके में स्थित भेरूघाट पर गुरुवार शाम अचानक एक बस गहरी खाई में गिर गई. यह बस इंदौर से खंडवा जा रही थी. इसमें सवार एक महिला यात्री ने बताया कि बस चालक बेहद तेज रफ्तार से बस चला रहा था. इस रफ्तार के साथ-साथ उसमें तेज आवाज में गाने भी बज रहे थे. महिला ने आरोप लगाया कि बस के ड्राइवर ने एक ट्रैक्टर को ओवरटेक करना चाहा. इस कोशिश में वह पास से गुजर रहे ट्रक से टकरा गई. उसके बाद ड्राइवर ने गाड़ी से नियंत्रण खो दिया और बस कई फीट नीचे खाई में गिर गई. बस के खाई में गिरते ही चारों ओर चीख-पुकार मच गई.
मच गई चीख-पुकार
चीख-पुकार मचते ही स्थानीय रहवासी और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे. वे तुरंत राहत एवं बचाव कार्य में जुट गए. बस पलटने से कई यात्री घायल हो गए, जिन्हें बड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला जा सका. भीड़ ने पहले बस को पलटाया फिर घायलों और मृतकों को बाहर निकाला. दूसरी ओर, हादसे की जानकारी मिलते ही इंदौर प्रशासन अलर्ट पर आ गया. इंदौर से एक दर्जन से अधिक एम्बुलेंस को घटना स्थल पर भेजा गया. सभी घायलों को एमवाय अस्पताल लाया गया
घायलों से मिलने पहुंचे मंत्री-अधिकारी
मंत्री तुलसी सिलावट, उषा ठाकुर, कांग्रेस महापौर प्रत्याशी संजय शुक्ला व भाजपा महापौर प्रत्याशी पुष्यमित्र भार्गव घायलों का हालचाल जानने अस्पताल पहुंचे. इंदौर कमिश्नर पवन शर्मा, कलेक्टर मनीष सिंह, ग्रामीण आईजी राकेश गुप्ता भी मौके पर पहुंचे. कलेक्टर मनीष सिंह ने घायलों के उपचार के लिए एक अतिरिक्त वार्ड भी तैयार करवाया, जानकारी के मुताबिक, बस गुरुकृपा ट्रेवल्स की थी और दोपहर लगभग 2 बजे बाद इंदौर से खंडवा के लिए रवाना हुई थी. यह बस इंदौर के ही लुनियापुरा में रहने वाले गौरव सोनकर के नाम से रजिस्टर्ड है.