पटना. बिहार में जाति आधारित जनगणना कराने के लिए सरकार ने अब अपनी तैयारी तेजी से शुरू कर दी है. जाति आधारित गणना के मकसद से 8 स्तरों पर अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम काम करेगी. इस टीम में शिक्षक, लिपिक, मनरेगा कर्मी, आंगनवाड़ी सेविका से लेकर जीविका समूह के सदस्यों को शामिल किया गया है. जिलाधिकारी को इस बात की स्वतंत्रता दी गई है कि वह इनमें से किस के माध्यम से जाति आधारित गणना का काम कराना चाहते हैं. निगरानी का तंत्र 7 स्तर से संचालित होगा. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सोमवार को इस पूरी योजना के बारे में विस्तृत तौर पर जानकारी दी गई है.
जातिगत जनगणना से जुड़े आंकड़ों का संग्रहण डिजिटल मोड में मोबाइल ऐप के माध्यम से किया जाना तय किया गया है. इससे आंकड़ों के संकलन में सुविधा मिलेगी. प्रगणक के अवसर पर उन्हें आवंटित क्षेत्र का नक्शा और लेआउट स्केच लिखित तैयार किया जाएगा. मकानों को नंबर भी दिया जाना है. इसके बाद जाति आधारित गणना के लिए बने प्रपत्र और मोबाइल ऐप में निर्धारित कोर्ट के साथ आंकड़े अंकित किया जाएंगे. किसी के द्वारा दिए गए व्यक्तिगत आंकड़ों में किसी तरह का बदलाव या फिर बदल नहीं किया जाएगा. कोई भी सूचना किसी से साझा नहीं की जाएगी.
अगर कोई व्यक्ति गणना करने वाले को जान बूझकर गलत जानकारी देता है या फिर जानकारी देने से मना करता है तो कर्मी इसकी जानकारी चार्ज अधिकारी को देंगे. चार्ज अधिकारी द्वारा इसके बाद कार्रवाई की जाएगी. पर्यवेक्षक को इस बात की जिम्मेवारी सौंपी गई है कि वह सुनिश्चित करेंगे कि कोई मकान कस्बा या क्षेत्र कवरेज से नहीं छूटे. चार्ज अधिकारी के माध्यम से पर्यवेक्षक और प्रगणक की नियुक्ति की जाएगी. 8 स्तर पर जो व्यवस्था की गई है वह इस तरीके से होगा. 1 अपर समाहर्ता, जिला कल्याण पदाधिकारी या फिर जिला सांख्यिकी पदाधिकारी होंगे अपर प्रधान गणना अधिकारी. 2. अनुमंडल पदाधिकारी जाने जायेंगे अनुमंडल गणना पदाधिकारी के तौर पर. 3. नगर आयुक्त और कार्यपालक पदाधिकारी होंगे नगर चार्ज अधिकारी. 4. प्रखंड विकास पदाधिकारी जाने जायेंगे प्रखंड चार्ज अधिकारी के तौर पर. 5. अपर नगर आयुक्त व सिटी मैनेजर सहायक नगर चार्ज अधिकारी होंगे. 6. अंचलाधिकारी सहायक प्रखंड चार्ज अधिकारी के रुप मे होंगे. 7. पर्यवेक्षक वैसे लोग होंगे जो प्रगणक से एक उच्च स्तर के कर्मी होंगे. 8. प्रगणक यानी जातिगत जनगणना करने वालों में शिक्षक, लिपिक, मनरेगा, आंगनबाड़ी और जीविका समूह के लोग शामिल होंगे.