पटना। मुख्यमंत्री व विधानसभा अध्यक्ष प्रकरण को लेकर सदन के बाहर भी राजद और भाकपा माले (RJD and CPI ML) के तेवर तल्ख रहे। दोनों ही दलों के विधायकों ने स्पष्ट रूपसे कहा कि जब तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) माफी नहीं मांगते और इस पूरे मामले पर सदन में विस्तार से विमर्श नहीं होता तब तक विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा।
अफसरों को बचाने का हुआ काम
राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि रात के अंधेरे में क्या हुआ, हम नहीं जानाते। यह सदन का मामला है इसलिए सदन में फैसला होना चाहिए। मुख्यमंत्री के कारण सnन शर्मसार हुआ है, आसन शर्मसार हुआ है, संविधान की धज्जियां उड़ाई गई है और अफसरों को बचाने का काम हुआ है। हमारी मांग एक ही है कि सदन में मुख्यमंत्री आएं और सदन और आसन से माफी मांगें। इसपर विमर्श होना चाहिए। भाकपा माले विधायक महबूब आलम ने कहा कि इसके पहले भी विधायकों की पिटाई को लेकर सदन शर्मसार हो चुका है। लगातार सदन की गरिमा को गिराने की साजिश हो रही है।
माले की विधायक पिटाई मामले में रिपोर्ट वापस लेने की मांग
विधायकों की पिटाई मामले में रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए भाकपा माले के विधायकों ने बुधवार को सदन शुरू होने से पहले परिसर में बैनर-पोस्टर के साथ प्रदर्शन किया। विधायक मनोज मंजिल, महबूब आलम, अजीत कुशवाहा आदि ने कहा कि रिपोर्ट में विधायकों को ही दोषी ठहराया गया है, यह गलत है। रिपोर्ट वापस ली जाए। बता दें कि विधानसभा में पेश की गई रिपोर्ट में विपक्षी दलों के विधायकों को दोषी ठहराया गया है।
कांग्रेस ने कहा-जनता के हित में चलाएं सदन
राजद और भाकपा माले विधायकों से अलग कांग्रेस ने जनता के हित में सदन चलाने की वकालत की है। कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा कि माफी बहुत बड़ा शब्द है। खेत जताया जा सकता है। वैसे सभी को मिलकर सदन चलाने पर जोर देना चाहिए।