नई दिल्ली । सरकार ने कहा है कि उसकी Cryptocurrency पेश करने की कोई योजना नहीं है। संसद में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि कोई भी आभासी मुद्रा पेश करने की योजना नहीं है। वर्तमान में यह भारत में अनियमित (Unregulated) है। उन्होंने यह भी बताया कि मौजूदा समय में नोटों की छपाई में कमी आई है। 2019-20 के दौरान 4,378 करोड़ रुपये के नोट छापे गए, जबकि 2020-21 में 4,012 करोड़ रुपये के नोट छापे गए। वहीं 2016-17 में 7,965 करोड़ रुपये के नोट छापे गए थे।
क्रिप्टोकरंसी पर उन्होंने कहा कि मौजूदा पेपर करंसी ही भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियम के तहत लीगल टेंडर है और इसे आरबीआई अधिनियम, 1994 के प्रावधानों के अनुसार आरबीआई द्वारा जारी किया जाता है। RBI कोई क्रिप्टोकरंसी जारी नहीं करता है। पेपर करंसी के डिजिटल संस्करण को सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी (CBDC) कहते हैं।
उन्होंने संसद को बताया कि RBI अभी CBDC की शुरुआत के लिए एक स्ट्रैटेजिक प्लान पर काम कर रहा है। और इसके इस्तेमाल के मामलों की जांच कर रहा है, जिसे बहुत कम या बिना किसी रुकावट के लागू किया जा सकता है। मंत्री ने कहा कि सीबीडीसी के आने से नकदी पर निर्भरता घटेगी, लेनदेन पर लागत में भी कमी आने जैसे फायदे होंगे
सरकार ने सदन में यह भी बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा 7 मामलों की जांच की जा रही है, जिसमें Cryptocurrency का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया गया है। इसमें एजेंसी ने 135 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त की है। 2020 में ईडी ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था, जिसने कंपनियों को प्रोसीड्स ऑफ क्राइम (पीओसी) को क्रिप्टोकरंसी में बदलने और उसके बाद इसे विदेश में ट्रांसफर करने की सुविधा प्रदान करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।