इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव से पहले विपक्षी नेताओं को धमकी देने पर उतारू हो गए हैं। उन्होंने विपक्ष के नेताओं के लिए अपमानजनक भाषा का प्रयोग करते हुए कहा कि वे प्रस्ताव विफल होने पर परिणाम भुगतने को तैयार रहें। डान अखबार के अनुसार, इमरान की सत्तारूढ़ पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव नाकाम कराने के लिए हर संभव उपाय करेगी।
बेलगाम महंगाई के खिलाफ हल्ला बोल
इमरान ने शुक्रवार को बालांबाट में एक जनसभा में विपक्षी नेताओं को डाकू कहा। बता दें कि विपक्ष इमरान खान सरकार को देश में बेलगाम महंगाई के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है। नेशनल असेंबली सचिवालय को गत मंगलवार को सौंपे गए अविश्वास प्रस्ताव पर पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के करीब 100 सांसदों के हस्ताक्षर हैं।
अविश्वास प्रस्ताव गिरा तो सड़कों पर उतरेगा विपक्ष
पाकिस्तान लोकतांत्रिक आंदोलन (पीडीएम) प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ यदि अविश्वास प्रस्ताव गिर जाता है तो उस स्थिति में विपक्ष सड़कों पर उतर आएगा। देश में अराजकता आ जाएगी। इमरान देश पर शासन करने के योग्य नहीं रह जाएंगे।
…तो बढ़ सकती हैं इमरान की मुश्किलें
वहीं समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक गठबंधन सरकार के कुछ सहयोगी पाला बदलने का फैसला करते हैं तो इमरान खान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इमरान खान को अपदस्थ किया जा सकता हैं। हालांकि इमरान खान का कहना है कि वह कहीं नहीं जा रहे हैं। उनको विपक्ष के किसी भी कदम का डर नहीं है।
विपक्ष को 172 सदस्यों के समर्थन की जरूरत
पाकिस्तानी अखबार डान की रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल असेम्बली के अध्यक्ष की ओर से 22 मार्च तक सत्र बुलाने की संभावना है। वहीं विपक्ष की ओर से अविश्वास प्रस्ताव 26 से 30 मार्च के बीच चर्चा होनी चाहिए। नियमानुसार प्रधानमंत्री को हटाने के लिए 342 सदस्यीय सदन में विपक्ष को 172 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी। इमरान खान का कहना है कि उनकी सरकार को 2028 तक कुछ नहीं होने वाला है…