प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात दौरे का आज दूसरा दिन है। गांधीनगर में आरआरयू के दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री बोले कि पूरी दुनिया में कहीं पर भी चिल्ड्रेन यूनिवर्सिटी नहीं है।गांधीनगर और हिंदुस्तान अकेला ऐसा है जिसके पास से दो यूनिवर्सिटी है। उन्होंने कहा कि गांधीनगर आज शिक्षा की दृष्टि से एक बहुत बड़ा वाइब्रेंट एरिया बनता जा रहा है। एक ही इलाके में कई सारी यूनिवर्सिटी और दो यूनिवर्सिटी ऐसी हैं जो पूरे विश्व में पहली यूनिवर्सिटी है। फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी पूरी दुनिया में कहीं पर नहीं है।
तकनीक एक बहुत बड़ी चुनौती
पहले दीक्षांत समारोह में PM मोदी ने कहा कि तकनीक एक बहुत बड़ी चुनौती है। अगर विशेषज्ञता नहीं है, तो हम समय पर जो करना चाहिए, वो नहीं कर पाते हैं। जिस प्रकार से साइबर सिक्योरिटी के मुद्दे सामने आते हैं, जिस प्रकार से क्राइम में तकनीक बढ़ती जा रही है, उसी प्रकार से क्राइम को कम करने में तकनीक बहुत मददगार भी हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये यूनिवर्सिटी देशभर में रक्षा के क्षेत्र में जो अपना करियर बनाना चाहते हैं उनके लिए इस यूनिवर्सिटी का जन्म हुआ है। इस क्षेत्र में वेल ट्रेंड मेन पावर समय की मांग है। उन्होंने कहा कि रक्षा के क्षेत्र में 21वीं सदी की जो चुनौतियां हैं, उनके अनुकूल हमारी व्यवस्था भी विकसित हो और उन व्यवस्थाओं को संभालने वाले व्यक्तित्व का विकास हो, इसके लिए इस विश्वविद्यालय का जन्म हुआ है।
कानून और व्यवस्था में भर्ती में सुधारों की आवश्यकता
हमने देखा है कि कोविड महामारी के दौरान, वर्दी में कई पुलिसकर्मियों ने तालाबंदी के दौरान जरूरतमंदों को भोजन और दवाइयाँ दीं। लोगों ने पुलिस का मानवीय चेहरा देखा। स्वतंत्रता के बाद, कानून और व्यवस्था में भर्ती में सुधारों की आवश्यकता थी। दुर्भाग्य से हम पीछे रह गए। पुलिस के बारे में एक धारणा है- उनसे दूर रहो, वही सेना के बारे में सच नहीं है। यह जरूरी है कि पुलिस कर्मियों को इस तरह से प्रशिक्षित किया जाए कि वे लोगों के साथ सौहार्दपूर्ण व्यवहार करें। प्रौद्योगिकी अब सुरक्षा तंत्र में एक संभावित हथियार बन गई है। सुरक्षा बलों में केवल शारीरिक प्रशिक्षण ही काफी नहीं, अब शारीरिक रूप से फिट न होने के बावजूद विकलांग लोग भी सुरक्षा क्षेत्र में योगदान दे सकते हैं।