कोरिया: कोयले की खदान में काम करते अकसर पुरुषों को ही देखा जाता है लेकिन छत्तीसगढ़ के कोरिया में यह जोखिम भरा काम महिलाएं भी करती है। आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हम आपको उन महिलाओं के बारे में बताने जा रहे हैं जो न सिर्फ कोयले की खदानों में काम करती है बल्कि बलास्टिंग से लेकर खदानों की मशीनों को भी चलाती है।
जी हां कोरिया के चिरमिरी कोयला खदान में महिलाएं इस काम को बखूबी कर रही हैं। एक समय था जब इन खदानों पर पुरुषों का अधिपत्य हुआ करता था। लेकिन अब चिरमिरी के खुली खदान में महिलाएं कोयला खनन करने के लिए कोल माइंस एरिया में ब्लास्टिंग का काम करती हैं, वहां मौजूद हर छोटी बड़ी मशीनों को आसानी से चलाती है।
ब्लास्टिंग का काम करती है महिलाएं
एक समय था जब डरी सहमी महिलाएं पटाखों की आवाज से कांप जाती थी लेकिन अब समय बदल चुका है और महिलाएं चिरमिरी के खुली खदान में कोल माइंस एरिया में ब्लास्टिंग करती है जिसे देख अच्छे अच्छे लोग डर जाते हैं। लेकिन ये महिलाएं बारूद के ढेर को ब्लास्टिंग एरिया मे फेंकती है। होंसले इतने बुलंद कि पूछने पर कहती है डर किस बात का जब पुरुष बारूद से ब्लास्टिंग करते है वो नहीं डरते तो हम क्यों डरे।
हर चुनौती को स्वीकारा
खदान में काम करने वाली महिलाएं किसी न किसी वजह से इस काम से जुड़ी। कईयों ने अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए खदान की जिम्मेदारी उठाई तो कईयों ने अपनी मर्जी से। इनमें से कई महिलाएं तो ऐसी भी है जिनके पति, भाई या पिता ने खदान में काम करते करते अकस्मात जान गवां दी लेकिन फिर भी हौसला नहीं खोया और इस जोखिम भरे काम को चुनौती पूर्ण तरीके से करना स्वीकार किया है। इन महिलाओं ने परिवार और खदान के काम की जिम्मेदारी बखूबी निभाई। आज विश्व महिला दिवस के अवसर पर पंजाब केसरी ऐसी महिलाओं को सैल्यूट करता है।