भारत और वेस्टइंडीज के बीच दूसरे टी-20 मैच में करीबी मुकाबला देखने को मिला जहां विंडीज के पास अंतिम ओवर में अविश्वनीय जीत हासिल करने का अवसर था। दुख की बात रही कि कैरेबियाई टीम के पास कार्लोस ब्रैथवेट जैसा कोई था, जिसने छह साल पहले इसी मैदान पर आइसीसी टी-20 विश्व कप के फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड के खिलाफ लगातार चार छक्के जड़कर टीम को जीत दिलाई थी। पावेल ने भी दो छक्के लगाए, लेकिन हर्षल पटेल ने अंतिम दो गेंदें जिस तरह से डाली और टीम को आठ रन से जीत दिलाई उससे उन्होंने साबित किया कि क्यों वह कप्तान की पसंद थे।
इस सीरीज से चयनकर्ता समिति के पास उन खिलाड़ियों को देखने का मौका मिला जो डगआउट में रिजर्व खिलाड़ी के तौर पर बैठे थे। वेस्टइंडीज के इस सीरीज के बाद घर लौटने के चार दिन बाद ही भारत की श्रीलंका के खिलाफ तीन मैचों की टी-20 सीरीज होनी है। भारत के पास आज की तारीख में टी-20 के लिए कई बेहतरीन खिलाड़ी उपलब्ध हैं। यहां तक कि वे दो टीमों को खिलाने का जोखिम उठा सकते हैं और फिर भी जीतने में सक्षम है। यह देखना दिलचस्प होगा कि सर्वश्रेष्ठ भारतीय टीम और भारत की रिजर्व बेंच टीम के खिलाफ अगर मैच हो तो इसका नतीजा क्या रहेगा। इससे अचंभा नहीं होगा अगर रिजर्व टीम मैच को अंत तक लेकर चली जाए।
करीबी मुकाबला चाहता था
दरअसल, पहले टी-20 में आसान जीत के बाद मन में यह खयाल जरूर आया कि मौजूदा भारतीय टीम और रिजर्व बेंच के बीच मुकाबला शायद ज्यादा मनोरंजक होता। लेकिन दूसरे मैच के बाद उम्मीद जगी है कि वेस्टइंडीज की टीम दौरे का अंत सही तरह करना चाहेगी। वेस्टइंडीज क्रिकेट का बहुत बड़ा प्रशंसक होने के नाते उन्हें वनडे सीरीज में आत्मसमर्पण करते हुए देखकर दुख हुआ। हालांकि एक भारतीय के रूप में मैं परिणामों से बहुत खुश हूं लेकिन फिर भी एक करीबी मुकाबला चाहता था जो दूसरे टी-20 मैच में देखा गया था।
कोहली को आराम देना हैरानी की बात
कोहली को वेस्टइंडीज के खिलाफ आखिरी टी-20 मैच और श्रीलंका के खिलाफ टी-20 सीरीज से रिलीज करना हैरानी की बात है। उनकी फार्म को लेकर कई तरह की बातें हो रही हैं और जब उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टी-20 में अच्छी बल्लेबाजी की उसके बाद उन्हें रिलीज करना समझ से परे है। एक बल्लेबाज के तौर पर जब आप रन बनाते हैं तो आप खेलना जारी रखना चाहते हैं जिससे लय नहीं टूटे। बल्लेबाज जानता है कि फार्म कितना लचीला होता है और कई बार नान स्ट्राइकर एंड पर भी कुछ गड़बड़ होने से बल्लेबाज अपनी लय खो देता है और इसी कारण जब रन बन रहे हों तो खेलना लगातार जारी रखना चाहिए। कोई थकान भी नहीं होती क्योंकि नियमित रूप से बल्ले के बीच में गेंद हिट करने से मन को संतुष्टि मिलती है। अगर बल्लेबाज फार्म में नहीं है तो उसे ब्रेक की जरूरत पड़ती है, जिससे वह इस बात का विश्लेषण कर सके कि क्या गलत हो रहा है।
अगले 10 दिन मजेदार होने वाले
अगले 10 दिन मजेदार होने वाले हैं। हमें यह भी देखने मिलेगा कि कोहली अपने ब्रेक को मोहाली में होने वाले पहले टेस्ट मैच तक बढ़ाते हैं या नहीं। अगर ऐसा हुआ तो कोहली अपना 100वां टेस्ट बेंगलुरु में खेलेंगे। 2008 में आइपीएल की शुरुआत से रायल चेलेंजर्स बेंगलोर (आरसीबी) के लिए खेलने वाले कोहली का 100वां टेस्ट बेंगलुरु में होता है तो यह एक बड़ा इवेंट होगा। किसी भी खिलाड़ी के लिए 100वां टेस्ट मैच विशेष होता है और कोहली इस खेल के महान खिलाडि़यों में से हैं।
कोहली का 100वां टेस्ट
आरसीबी के लिए खेलने वाले एक अन्य खिलाड़ी एबी डिविलियर्स ने कुछ साल पहले बेंगलुरु में ही अपना 100वां टेस्ट था और भारत के खिलाफ मुकाबला होने के बावजूद जिस तरह दर्शकों ने डिविलियर्स का हौसला बढ़ाया वो देखने लायक था। अगर मैं सही हूं तो उन्होंने 80 से ज्यादा रन बनाए थे और शतक से चूक गए थे जहां ज्यादातर खेल बारिश की भेंट चढ़ा था। क्या कोहली का 100वां टेस्ट चंडीगढ़ में होगा जहां फिलहाल ठंड है या बेंगलुरु में होगा जहां आरसीबी द किंग के लिए एक इवेंट सुनिश्चित करेगी।