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हाउती ने संघर्ष बढ़ने पर विदेशी कंपनियों से UAE छोड़ने को कहा, जानें क्‍या है पूरा मामला

यमन। बीते दिनों संयुक्त अरब अमीरात में यमन के हाउती विद्रोहियों द्वारा अबूधाबी हवाईअड्डे के पास बड़ा हमला किया गया, जिसमें दो भारतीय और एक पाकिस्तानी नागरिक के मारे गए, जबकि हमले में छह लोग घायल हुए। इस हमले से हालात और भी ज्यादा गंभीर होते जा रहे हैं। ‌यमन के हाउती आंदोलन ने यमन के खिलाफ अमेरिका-सऊदी-यूएई गठबंधन और याह्या द्वारा लगातार हो रहे हवाई हमलों के बाद, संयुक्त अरब अमीरात से बाहर निकलने के लिए विदेशी कंपनियों से UAE छोड़ने का आह्वान किया है।

हाउती सशस्त्र बलों के प्रवक्ता याह्या सारे ने कहा

हाउती सशस्त्र बलों के प्रवक्ता याह्या सारे ने शुक्रवार अपने टि्वटर हैंडल पर ट्वीट कर कहा, ‘यमन के लोगों के खिलाफ आज यूएस-सऊदी-यूएई का आक्रामकता द्वारा किए गए अपराधों के बाद, हम अमीरात में विदेशी कंपनियों को छोड़ने की सलाह देते हैं क्योंकि वे एक असुरक्षित देश में निवेश करते हैं और इस देश के शासक यमन के खिलाफ अपनी आक्रामकता जारी रखें हुए हैं।’

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बीते सोमवार को हुआ था बड़ा हमला

बीते सोमवार को, कई हाउती ड्रोन ने संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी पर एक बड़ा हमला किया था, जिसमें अबू धाबी के मुख्य एयरपोर्ट पर आग लग गई और तीन ईंधन टैकरों में भीषण विस्फोट हुआ। इस हादसे में दो भारतीय नागरिकों सहित तीन लोगों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हुए। इस पूरी घटना को ड्रोन की मदद से अंजाम दिया गया।

जिसके जवाब में, सऊदी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने हाउती के खिलाफ एक अभियान शुरू किया, इस अभियान के तहत हाउतीयों के गोदामों और अन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया जा रहा है। आपको बता दें कि आंदोलन ने सहयोगियों पर यमन की राजधानी सना में आवासीय क्षेत्रों पर बमबारी करने, घरों को नष्ट करने और 20 से अधिक लोगों की हत्या करने का आरोप लगाया

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मारे जा रहे हैं बेकसूर

अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन सेव द चिल्ड्रन ने शुक्रवार को यमन पर लगातार हो रहे हवाई हमलों में अब तक 3 बच्चों सहित कम से कम 63 लोगों के मारे जाने और 100 के घायल होने की सूचना दी है।

यमन‌ के बीच संघर्ष

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यमन का यह संघर्ष आज का नहीं है बल्कि यह 2014 में सरकारी बलों और हाउती विद्रोहियों के बीच शुरू हुआ था। सऊदी अरब के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन के 2015 में यमन सरकार के पक्ष में संघर्ष में शामिल होने और हाथीयों के खिलाफ हवाई, जमीन और समुद्री अभियान शुरू करने के बाद स्थिति और खराब हो गई थी।

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