बिहार पुलिस को तकनिकी रूप से सक्षम बनाने के लिए सरकार ने चक्र एप्स की शुरुआत की है, बिहार पुलिस ने एक मोबाइल एप डेवलप किया है, जिसपर अपराधियों की जन्मकुंडली उपलब्ध रहेगी. सिर्फ एक क्लिक पर संबंधित क्रिमिनल का रिकॉर्ड सामने हेगा. इस एप को ‘चक्र’ का नाम दिया गया है. अपराधियों का ट्रैक रिकॉर्ड रियल टाइम में उपलब्ध होने से पुलिस को काफी मदद मिलने की उम्मीद है. इससे आपराधिक घटनाओं पर रोक लगाने में भी मदद मिलेगी. साथ ही जमानत पर जेल से बाहर आने वाले क्रिमिनल्स पर भी नजर रखने में सहयोग मिलेगा
चक्र एप को डेवलप करने पर 1.50 करोड़ रुपये की लागत आई है. इसके अलावा लगभग 40 लाख रुपए की लागत से पुलिस मुख्यालय में इसका सर्वर लगाया गया है. चक्र एप की मदद से बिहार पुलिस को अब अपराधियों का इतिहास-भूगोल जानने के लिए ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. मोबाइल पर महज एक क्लिक करते ही अब कहीं से भी किसी भी अपराधी से जुड़ी पूरी जानकारी पुलिस हासिल कर सकती है. चक्र एप पर बिहार के लगभग सारे दुर्दांत अपराधियों से लेकर छोटे अपराधियों का कच्चा-चिट्ठा अपलोड किया गया है. अपराधियों का नाम चक्र एप में डालते ही मोबाइल स्क्रीन पर संबंधित अपराधी का फोटो सहित पूरा ब्योरा उपलब्ध हो जाएगा.
डेढ़ करोड़ की लागत
चक्र एप के निर्माण पर करीब डेढ़ करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं और लगभग 40 लाख रुपए की लागत से पुलिस मुख्यालय में इसका सर्वर भी लगाया गया है. इस एप के जरिये जमानत पर जेल से बाहर आने वाले अपराधियों पर भी पुलिस नजर रख सकेगी.
10 साल के अपराधियों का ब्योरा
खास बात यह है कि इस एप पर पिछले 1 वर्षों में अपराध करने वालों को डेटा फीड किया गया है. इनकी संख्या करीब साढ़े चार से पांच लाख है. जाहिर है कि जब इतना बड़ा आपराधिक डेटा पुलिस के मोबाइल पर उपलब्ध होगा तो वह किसी भी थाने में बैठकर अपराधियों के बारे में पूरी जानकारी हासिल करने में सक्षम होंगे.