शिक्षकों की भर्ती में लापरवाही का यह मामला उत्तर प्रदेश से आया है जहाँ 68500 शिक्षकों की भर्ती की गई थी, जिसके बाद संबंधित अधिकारियों के ऊपर कार्रवाई होना तय है. बता दें कि कुल 68500 सहायक शिक्षकों की भर्ती की गई. जिसमें आरक्षित वर्ग के ओबीसी, दिव्यांग, भूतपूर्व सैनिक / स्वतंत्रता सेनानी को अर्हक अंक में 5 प्रतिशत की छूट प्रदान करने, विनियमितीकरण की प्रक्रिया में लापरवाही बरती गयी थी. जिसके बाद अब उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने आरक्षण नियमों को ठीक से लागू न करने की त्रुटि को स्वीकार किया है.
इस बारे में उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष जसवंत सैनी की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई. जहां उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक भर्ती 2018 एवं 2019 में आरक्षण नियमों को ठीक से लागू न करने के संदर्भ में विचार-विमर्श करके त्रुटि को स्वीकार किया गया. इसके साथ ही इस भर्ती परीक्षा में शामिल संबंधित अधिकारियों के ऊपर कार्रवाई करने की बात कही गई है.बता दें कि बैठक में लोध, लोधी, लोधा, लोधी राजपूत, किसान एवं खड़गवंशी लोधी नाम को पर्यायवाची मानते हुए अन्य पिछड़े वर्ग की सूची में सम्मिलित करने, पिछड़े वर्ग की विभिन्न जातियों में विभिन्न नामों के बजाय किसी एक नाम से सूचीबद्ध किये जाने, मुस्लिम मोची की उपजाति गफ्फारी को पिछड़े़ वर्ग की सूची में सम्मिलित करने, एक ही जाति के लोगों को अनेक नामों से पुकारे जाने से रोकने सम्बंधी विषयों को आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया गया.