उत्तरप्रदेश में एक बड़ा घोटाला सामने आया है ,15 हजार करोड़ रुपये के बाइक टैक्सी घोटाले में सीबीआई ने 15 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। यूपी के इस बड़े घोटाले को गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लि. के कर्ताधर्ता संजय भाटी व 14 अन्य ने अंजाम दिया। आरोप है कि इन्होंने देशभर के हजारों निवेशकों को मोटे मुनाफे का लालच देकर हजारों करोड़ रुपये ऐंठ लिए।
बाइक बोट नाम से शुरू की थी स्कीम
बाइक टैक्सी घोटाला हीरा कारोबारी नीरव मोदी द्वारा किए गए घोटाले से भी बड़ा बताया जा रहा है। आरोपी संजय भाटी ने अपनी कंपनी के जरिए ‘बाइक बोट स्कीम’ शुरू की। फिर निवेशकों से कहा गया कि वे इसमें निवेश कर मोटा मुनाफा कमा सकते हैं। उन्हें एक से लेकर सात बाइक में निवेश को कहा गया। कहा गया कि इस बाइक टैक्सी स्कीम में पैसा लगाने पर अच्छी कमाई होगी। लेकिन योजना कोरी कागजी व खयाली साबित हुई। भोले भाले निवेशकों से रुपये ऐंठ कर भाटी व उसके साथ चंपत हो गए।
हर माह अच्छे रिटर्न का दिया था ऑफर
ठगों ने बाइक टैक्सी स्कीम के तहत लोगों को ऑफर दिया था कि वे बाइकों को खरीदने के लिए जो निवेश करेंगे, उसके बदले में उन्हें हर माह अच्छा रिटर्न मिलेगा। कंपनी ने देश के कई शहरों में अपनी फ्रेंचाइजी शुरू करने की भी बात कही थी।
यह स्कीम न यूपी में और न अन्य कहीं कागजों से निकल कर जमीन पर आई, लेकिन नए निवेशकों को जोड़ने व उनसे रूपये ऐंठने का का सिलसिला जारी रहा। कंपनी ने 2017 से 2019 के बीच घोटाले को अंजाम दिया और लाखों लोगों से 15,000 करोड़ रुपये हड़प लिए।
कंपनी ने दो लाख लोगों को शिकार बनाया
इस घोटाले को पहले ईडी ने पकड़ा था। ईडी ने कंपनी के कर्ताधर्ताओं की 216 करोड़ की संपत्ति भी जब्त की थी। सीबीआई के अनुसार कंपनी ने दो लाख लोगों से ठगी की है। जांच में सीबीआई ने पाया कि यूपी पुलिस ने मामले में ढिलाई बरती और मामले को रफादफा करने का प्रयास किया। पुलिस ने पीड़ितों को न्याय दिलाने बजाए शिकायतों को वापस लेने के लिए उन पर दबाव डाला गया।