चार धाम यात्रा में लगातार श्रधालुओ का इजाफा हो रहा है, इस साल चार धाम यात्रा में अब तक दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालुओं की संख्या 4 लाख के करीब पहुंच गई है. 2 लाख 10 हज़ार से ज़्यादा श्रद्धालु केदारनाथ पहुंच चुके हैं और माना जा रहा है कि 6 नवंबर को कपाट बंद होने से पहले यहां आने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 3 लाख को पार कर सकता है. इसके साथ ही, केदारनाथ गुफा में साधना करने के लिए भी बुकिंग 4 नवंबर तक के लिए फुल हो चुकी है. केदारनाथ और बद्रीनाथ समेत पूरी चार धाम यात्रा इन दिनों कड़ाके की ठंड के बीच चल रही है. इन दोनों ही धामों में बर्फबारी की खबरें आ चुकी हैं, जिसके बाद यहां तापमान काफी गिर चुका है. इसके बावजूद शिव भक्तों का उत्साह चरम पर है.
देवस्थानम बोर्ड के आंकड़ों की मानें तो चार धाम यात्रा शुरू होने के 42 दिनों बाद कुल 3,95,905 तीर्थयात्री दर्शनों के लिए पहुंच चुके हैं. इनमें से सबसे ज़्यादा यानी 2,10,105 से ज़्यादा यात्री केदारनाथ पहुंचे हैं. बद्रीनाथ धाम के दर्शन करने के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 1,13.909 रही जबकि गंगोत्री और यमुनोत्री में 31,000 से ज़्यादा श्रद्धालु अब तक पहुंच चुके हैं. बोर्ड का कहना है कि समाप्ति की ओर बढ़ रही यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ती जा रही है. ये आंकड़े जारी करते हुए यह भी बताया गया कि गुरुवार तक केदारनाथ में हेली सेवा से पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या 26 हज़ार से ज़्यादा रही.
हेली कंपनियों पर नियम तोड़ने के आरोप
केदारनाथ क्षैत्र में हेली कंपनियों द्वारा नियमों को ताक पर रखने को लेकर जहां एक बार फिर शिकायतें सामने आने लगी हैं, वहीं एनजीटी द्वारा भी केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग से इस मामले में पूछा गया है कि क्या केदारनाथ वन्य जीव क्षैत्र में हेली कंपनियों द्वारा 600 मीटर से अधिक उंचाई पर उड़ान भरी जा रही है. इसके बाद केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग न सिर्फ हरकत में आ गया है बल्कि विभाग ने यहां भीमबली में चेकपोस्ट तैयार कर गुज़रने वाले हेलीकॉप्टरों पर भी नज़र रखनी शुरू कर दी है.
अब इसकी रिपोर्ट एनजीटी को भेजी जाएगी, गोपेश्वर स्थित केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के डीएफओ के मुताबिक इस मामले में वन क्षैत्राधिकारी उखीमठ को जांच अधिकारी बनाया गया है. कहा गया है कि यदि हेली कंपनियों द्वारा किसी नियम को तोड़ना पाया जाता है, तो कार्रवाई भी की जाएगी. इधर, केदारनाथ में साधना गुफाएं और भैरवनाथ मंदिर की यात्रा भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.
भैरवनाथ हैं केदारनाथ के कोतवाल
केदारनाथ धाम में मान्यता है कि यहां की यात्रा तभी पूरी होती है जब भैरवनाथ मंदिर में भी दर्शन किए जाएं. भैरवनाथ को केदारनाथ का कोतवाल या द्वारपाल कहा जाता है और धार्मिक विश्वास के चलते माना जाता है कि वह केदारनाथ की रक्षा करते हैं. यहां आ रहे कई श्रद्धालु बड़ी संख्या में भैरवनाथ के दर्शन के लिए भी पहुंच रहे हैं. दूसरी तरफ, अब तक 36 श्रद्धालु विशेष गुफाओं में साधना कर चुके हैं. जीएमवीएन के हवाले से खबरों में कहा गया कि 4 नवंबर तक गुफा की बुकिंग हो चुकी है. बता दें कि ये गुफाएं पीएम मोदी के केदारपुरी पुनर्निर्माण के ड्रीम प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं.