उत्तराखंड चुनाव को लेकर सभी पार्टियाँ चुनावी अखाड़े में कूद गई है ,मौजूदा भाजपा सरकार अब एड़ी छोटी का जोर लगा रही है तो वही कांग्रेस सँभलने के मूड में दिख रही है ,लेकिन सबसे बड़ा चौकाने वाला रुझान तो तब आया जब कुछ महीनो से उत्तराखंड की राजनीती में जन्मी आम आदमी पार्टी को लोगो ने पसंद करना शुरू किया ,प्रदेश का कोना कोना दिल्ली के विकाश को देख प्रभावित हो रहा है ,बातो में साफ़ झलक रहा है की ,दिल्ली की तरह उत्तराखंड में भी लोगो को मुफ्त बिजली ,पानी, शिक्षा चाहिए जिसे लेकर मौजूदा सरकार विफल है ,बिजली उत्पादन करने वाले उत्तराखंड में भी लोगो महंगी बिजली मिलती है, लेकिन दिल्ली के 200 यूनिट मुफ्त बिजली के फार्मूले लोगो को भा रहे है , एबीपी-सी वोटर एजेंसी के मुताबिक चुनाव से पहले उत्तराखंड की जनता का मूड जानने की कोशिश की गई. इसमें प्रदेश की विधानसभा की सभी 70 सीटों के मतदाताओं का मूड जाना गया. एजेंसी के सर्वे में कहा गया है कि विधानसभा की कुल 70 में 40 से 42 सीटों पर मतदाताओं का रुझान अभी भाजपा के पक्ष में दिखा. वहीं कांग्रेस के पक्ष में 10 से 13 सीटें जाती दिख रही हैं.
एजेंसी के सर्वे की मानें तो सबसे ज्यादा चौंकाने वाले रुझान आम आदमी पार्टी को लेकर आए हैं. हाल के दिनों में राजनीतिक रूप से अत्यंत सक्रिय दिख रही और फ्री बिजली-पानी जैसे चुनावी वालों के साथ चर्चा में आई AAP को इस सर्वे में 15 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है. आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी ने पिछले महीने ही विधानसभा चुनाव से पहले अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा की. आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कर्नल अजय कोठियाल को उत्तराखंड में मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में उतारने का ऐलान किया था.
पिछली बार बीजेपी को मिली थीं 57 सीटें
आपको बता दें कि उत्तराखंड में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. उस चुनाव में भाजपा के हिस्से में 57 सीटें आई थीं. 2017 में कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियां सिर्फ 11 सीटों पर ही अपने उम्मीदवार को जीत दिला पाई थी. हालांकि साल 2021 में भाजपा ने राज्य में दो बार मुख्यमंत्री के पद पर बदलाव किया, जिसके बाद विपक्षी दलों ने उस पर 4 साल के कार्यकाल के बाद फेल होने का आरोप लगाया. गौरतलब है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद बीजेपी ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया था. लेकिन कुछ महीने पहले त्रिवेंद्र को हटाकर पार्टी ने पहले तीरथ सिंह रावत और फिर पुष्कर सिंह धामी को सीएम बनाया है.