पटना कालेज से गबन का यह पहला मामला है जहाँ अकाउंटेंट अली अब्बास ने अवैध तरीके से 62.80 लाख रुपये निकाल लिए, मामले में पहली जांच रिपोर्ट आते ही प्राचार्य डॉ अशोक कुमार को हटा दिया गया है. इसके साथ ही अकाउंटेंट अली अब्बास को भी निलंबित कर दिया गया है. पटना यूनिवर्सिटी के कुलपति गिरीश कुमार चौधरी ने कॉलेज के इंडियन बैंक के शाखा प्रबंधक के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया है. वीसी की इस कार्रवाई के बाद पीयू में हड़कम्प मच गया है.
दरअसल पटना कॉलेज के इंडियन बैंक शाखा से 29 अप्रैल को 62.80 लाख रुपये की निकासी की गई थी और कॉलेज प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी. इसके बाद मई माह में पासबुक को अपडेट भी कराया गया. हैरानी की बात ये है कि खाते पर महज 3 लाख रुपये शेष बचे थे और इस बीच चेक भी काटे जा रहे थे. मामला तब प्रकाश में आया जब 17 जुलाई को जब एक गेस्ट फैकल्टी के लिए 16 हजार का चेक काटा गया और चेक बाउंस कर गया.
फर्जीवाड़े के सामने आने के साथ ही वीसी ने आनन-फानन में 3 सदस्यीय जांच कमिटी गठित की. जांच में पता चला कि अकाउंटें अली अब्बास ट ने ही पैसे की निकासी की थी. जांच कमिटी की रिपोर्ट पर अली अब्बास को निलंबित कर दिया गया और प्राचार्य को लापरवाही के आरोप में हटाते हुए संस्कृत विभाग में भेज दिया गया. इधर प्राचार्य को हटाए जाने के बाद समाज शास्त्र के प्राध्यापक रघुनंदन शर्मा को पटना कॉलेज का नया प्राचार्य बनाया गया है. रघुनंदन शर्मा की सेवा अभी 6 माह शेष बची है.
कॉलेज की मुख्य शाखा से क्लोन चेक से 62.80 लाख रुपए निकासी मामले में पर्सर डा. मो. नजीम पर भी विभागीय कार्रवाई की जा सकती है. पहली रिपोर्ट पर कार्रवाई के बाद जांच टीम की जद में कई और कर्मचारी आ सकते हैं और माना जा रहा है कि अगले 7 दिनों में फिर दूसरी रिपोर्ट भी आ सकती है जिसके बाद कई और कर्मचारियों पर भी कार्रवाई होने की संभावना है. वीसी गिरीश कुमार चौधरी ने साफ कहा कि ये वित्तीय अनियमितता का मामला बनता है और इसमें जो भी दोषी होंगे वो बख्शे नहीं जाएंगे.