टू-व्हीलर और फोर व्हीलर वाहनों के मालिकों को ध्यान देने की जरुरत है क्योकि सरकार का फरमान आपको कर सकता है परेशान, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय PUC पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के लिए देश में युनिफॉर्म बनाने जा रही है. जिसमें वाहन मालिक के पास PUC नहीं होने पर RC को सस्पेंड करने के साथ तगड़ा जुर्माना तक देना पड़ सकता है. आइए जानते है इस नियम के बारे मे
PUC वाहनों के लिए क्यों जरूरी है- पीयूसी सर्टिफिकेट वाहन मालिक को तब मिलता है जब गाड़ी प्रदूषण कंट्रोल मानकों पर खरा उतरती है. इस सर्टिफिकेट की मदद से पता चलता है कि वाहन का प्रदूषण नियमों के अनुसार है. इससे पर्यावरण को नुकसान नहीं है. सभी वाहनों को मान्य पीयूसी सर्टिफिकेट हासिल करना जरूरी है. नई गाड़ी के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं होती है. वाहन के रजिस्ट्रेशन के एक साल के बाद पीयूसी सर्टिफिकेट लेने की जरूरत पड़ती है. इसे समय-समय पर री-न्यू कराना पड़ता है.
PUC को देश में किया जाएगा अनिवार्य – PUC सर्टिफिकेट्स को लेकर सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है. पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) को अब सभी गाड़ियों के लिए पूरे देश में यूनिफॉर्म बनाया जाएगा. साथ ही PUC को नेशनल रजिस्टर से लिंक भी किया जाएगा. जिससे देश में PUC एकसमान होगा और साथ ही इसमें कुछ नए फीचर्स भी जोड़े जाएंगे, जिससे गाड़ी मालिकों को सहूलियत होगी
PUC नहीं तो इंश्योरेंस नहीं – SC के आदेश के अनुसार, बीमा कंपनियां यह सुनिश्चित करेंगी कि आप वाहन इंश्योरेंस पॉलिसी के रिन्यू के समय वैलिड पीयूसी पेश करें. अपको बता दें जुलाई 2018 में बढ़ते वाहन प्रदूषण पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बीमा कंपनियों को निर्देश दिया था. शीर्ष अदालत ने कहा था कि जब तक पीयूसी सर्टिफिकेट न जमा किए जाएं तब तक वाहन इंश्योरेंस पॉलिसी री-न्यू न किए जाएं
.10 गुना बढ़ा जुर्माना – दिल्ली में 1 सितंबर 2019 का संशोधित मोटर वाहन अधिनियम लागू हुआ था. जिसके बाद से वैलिड पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं होने पर लगने वाला जुर्माना बढ़ा दिया गया. इससे पहले पीयूसी नहीं होने पर एक हजार रुपये जुर्माना लगता था. लेकिन संशोधित मोटर वाहन अधिनियम लागू होने के बाद अब 10 हजार रुपये का जुर्माना भरना होगा. बता दें दस गुना बढ़ोतरी के बाद दिल्ली में लगभग 1,000 पीयूसी केंद्रों पर अचानक भीड़ बढ़ गई थी और परिवहन विभाग ने उस महीने 14 लाख पीयूसी सर्टिफिकेट जारी किए थे