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वैक्सीनेशन की प्राथमिकताएँ तय करे केन्द्र युवाओं को वैक्सीन देकर बचाएं जान

दिल्ली हाईकोर्ट ने ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों और इलाज से जुड़ी दवाओं की कमी पर केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर अपनी स्टेट्स रिपोर्ट दायर की थी, जिस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने कई सवाल खड़े किए. हाईकोर्ट ने कहा, ‘हमें दुख होता है कि हमने कितने युवाओं को इस बार खो दिया. कोविन: कोविड-19 वैक्सीन के लिए कैसे रजिस्टर करें - BBC News हिंदीआप ऐसों की जिंदगी बचाने में लगे हैं जो अपनी जिंदगी जी चुके हैं. हम नहीं कह रहे कि आप सीनियर सिटिजन्स को प्राथमिकता मत दीजिए, लेकिन अगर वैक्सीन की कमी है तो कम से कम प्राथमिकताएं तो तय करें. बुजुर्ग देश को नहीं चलाने वाले

 

दिल्ली हाईकोर्ट की डिविजन बेंच के जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस जस्मीत सिंह ने वैक्सीन और दवाओं पर केंद्र सरकार की स्टेटस रिपोर्ट को अस्पष्ट और सरकार को प्राथमिकता तय करने में नाकाम बताया. कोर्ट ने केंद्र को उसकी मौजूदा नीतियों को लेकर फटकार लगाते हुए कहा- ‘युवाओं को प्राथमिकता दीजिए. इन्हीं पर भविष्य निर्भर करता है. युवा प्रधानमंत्री को एसपीजी सुरक्षा देते हैं? क्योंकि उनके ऑफिस को इसकी जरूरत है.’Youth Should Cooperate With The Government To Get The Vaccination Done -  युवा खुद के खर्चे से वैक्सीनेशन करवा सरकार का सहयोग करें | Patrika Newsहाईकोर्ट ने कहा, ‘वैक्सीन और दवाओं से जुड़ी की कोई दिक्कत आने पर दूसरे कई देशों ने भी अपनी प्राथमिकताएं बदली हैं. इटली के बारे में हमने पढ़ा था कि वहां जब बेड कम पड़ गए, तो उन्होंने बुजुर्गों को भर्ती करना बंद कर दियाPrivate vaccine centers will be returned Remaining Covid Vaccine doses  Union Govt to states

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दवाई के आंकड़े में फंसी सरकार

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि हमें यह जानना है कि आज की तारीख में देश को इस 2 लाख 30 हजार के प्रोजेक्टेड आंकड़े में से कितनी दवाएं मिलीं. कोर्ट ने कहा कि हमें नहीं जानना की आप किस कंपनी से खरीद रहे हैं. हमें बताएं कि हमें कितनी दवाएं मिली. कोर्ट ने सख्ती के साथ केंद्र से कहा कि हम चाहते थे कि आप नीति तैयार करें कि दवा की कमी की स्थिति में पहले किसे प्राथमिकता दी जाए.

 

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वैक्सीन है नहीं तो घोषणाएं क्यों- कोर्ट

हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में कहा-‘केंद्र के पास जब वैक्सीनेशन नहीं है, तो ऐसी घोषणाएं क्यों करते हैं. अगर आप के पास कमी है तो कम से प्राथमिकताएं तय करें. हमें नहीं पता कि आपने 60 प्लस को वैक्सीनेशन पहले देने के बारे में क्यों फैसला लिया?’central government says they have provided more than 18 crore doses of  corona vaccine to states and utकोर्ट ने कहा कि देश को युवाओं की जरूरत है. आज हमने पढ़ा कि सरकार अनाथ बच्चों के लिए नीतियां लेकर आई है. इसकी जरूरत ही क्यों पड़े? एक बच्चे को उतना स्नेह और प्यार किसी से नहीं मिल सकता, जो उन्हें अपने परिवार और मां-पिता से मिलता है. उनके मां-पिता को बचाइ

बेंच ने सरकार को कोरोना वैक्सीन, इसके इलाज में कारगर दवाओं और ब्लैक फंगस के इंजेक्शन को लेकर एक प्रभावी प्लान तैयार करने को कहा है.

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