बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के राजनीतिक जीवन को दिखाने के एक कामयाब कोशिश वेब सीरीज महारानी में हुमा कुरैशी के द्वारा किया गया है इस किरदार में हुमा कुरैशी राबड़ी देवी के जीवन से प्रेरित किरदार को निभाऐंगी लेकिन वेब सीरीज आने से पहले ही इस पर बवाल शुरू हो गया है लोगों का कहना यह है की राबड़ी देवी के इमेज को चमकाने की कोशिश की जा रही है इस रोल में उनकी प्रशंसा कम आलोचना अधिक हो रही है
बिहार के बहुत से लोगों को लगता है कि राबड़ी देवी का यह व्हाइटवास्ड वर्जन बनावटी है. बिहार के एक प्रमुख फिल्म एग्जिबिटर रोशन सिंह कहते हैं, ‘यह कौन सी राबड़ी देवी हैं? वह झांसी की रानी और इंदिरा गांधी को मिलाकर कब बनीं? मुझे लगता है कि सीरीज लालूजी के शुभचिंतकों और दोस्तों द्वारा स्पॉन्सर्ड है.’
पटना के स्टील उद्यमी सुधीर कुमार कहते हैं, ‘उन्होंने लालू यादव और राबड़ी देवी के नाम बदलकर सही काम किया. यह राबड़ी देवी की कहानी नहीं है. अगर यह उनकी अपनी कल्पना है तो लालू और राबड़ी देवी पर आधारित सीरीज को लेकर कास्ट इंटरव्यू क्यों दे रही थी? आपके पास यह दोनों ऑप्शन नहीं हो सकता, हेडलाइन भी और फिक्शन भी.’
हुमा की इस वेब सीरीज को बिहार में अब तक ज्यादा सराहना नहीं मिली है. ‘महारानी’ में उनके कैरेक्टर ने उन्हें राज्य में एक घरेलू नाम बना दिया है. पटना की एक स्कूल शिक्षिका रेखा विनोद का कहना है कि हुमा का कैरेक्टर दृढ़ संकल्प और लचीलेपन का एक आदर्श मिश्रण है. ‘बेशक उन्होंने राजनीतिक तथ्यों के साथ बड़ी स्वतंत्रता ली है, लेकिन फिर संजय लीला भंसाली की पद्मावत क्या थी? या मुगल-ए-आजम? हुमा कुरैशी के रोल के बारे में मुझे जो पसंद है वह यह है कि वह बहुत अनिच्छा से बिहार की मुख्यमंत्री बनने के लिए सहमत हो जाती हैं, लेकिन उन्होंने रबर स्टैंप बनने से इनकार कर दिया. उनका अपना दिमाग है. वह आश्चर्यजनक है.
हुमा कुरैशी कहती है, ‘ऐसा अक्सर नहीं होता है कि आपको एक ऐसा कैरेक्टर प्ले करने को मिलता है जो आपको एक कलाकार के रूप में कई लेयर्स को एक्सप्लोर करने देता है. रानी भारती का रोल करना खुशी की बात है. वह एक ऐसे व्यक्ति के रूप में शुरू होती है, जिसे हम सभी जानते हैं और उससे संबंधित है, लेकिन जब वह आगे बढ़ती हैं तो हम में से कुछ ही लोग हैं जो ऐसा देखना पसंद करेंगे