बहरहाल, यूपी की राजधानी लखनऊ में जिला पंचायत चुनाव में भाजपा को बड़ी हार झेलनी पड़ी है. भाजपा को जिला पंचायत सदस्य की 25 सीटों में से सिर्फ तीन पर जीत मिली है. इसके अलावा समाजवादी पार्टी ने 10, बसपा ने चार और 8 पर निर्दलीय कब्जा करने में सफल रहे हैं. यही नहीं, लखनऊ में मौजूदा सांसद कौशल किशोर की बहू को समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी राम प्यारी रावत ने 6 हजार वोट के अंतर से हराया है. यही नहीं, दो बार की सांसद और भाजपा प्रत्याशी रीना चौधरी को भी सपा समर्थित पलक रावत ने 2099 वोट से मात दी है. बता दें कि लखनऊ का जिला पंचायत अध्यक्ष एससी महिला के लिए आरक्षित है.
वाराणसी में सपा, AAP , मथुरा में बसपा का जलवा
लखनऊ के अलावा पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भाजपा को हार मिली है. काशी में जिला पंचायत की 40 सीट हैं, जिसमें से सपा ने 14, भाजपा ने 8, अपना दल (एस) ने तीन, आम आदमी पार्टी और यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने एक-एक सीट पर कब्जा किया है. जबकि तीन पर निर्दलीय जीते हैं. वहीं, जिला पंचायत चुनाव में मथुरा में बसपा ने 12 सीट पर बाजी मारकर अपना दम दिखाया है, तो आरएलडी ने 9 सीट पर जीत दर्ज की है. भाजपा ने यहां सिर्फ 8 सीट पर कब्जा कर सकी है. इसके अलावा सपा ने एक सीट तो तीन पर निर्दलीय अपना परचम लहराने में सफल रहे हैं.
अयोध्या और गोरखपुर में भाजपा पर भारी पड़ी सपा
यही नहीं, अयोध्या में जिला पंचायत की 40 सीटें हैं, जिसमें से 24 पर समाजवादी पार्टी को जीत मिली है, तो भाजपा के खाते में सिर्फ छह सीट आयी हैं. जबकि 12 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी जीतने में सफल रहे हैं. यही नहीं, सीएम योगी के गढ़ यानी गोरखपुर में जिला पंचायत सदस्य की 68 पर सपा और भाजपा में जोरदार टक्कर चल रही है. भाजपा ने अब तक 20 सीटों पर जीत दर्ज की है, तो सपा ने 19 पर जीतने का दावा किया है. इसके अलावा बसपा ने दो, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को जीत मिली है वहीं, गोरखपुर में 24 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत का दावा किया है.
मेरठ में सपा-बसपा ने घेरा, आगरा में भी जोर आजमाइश
मेरठ में 33 जिला पंचायत सदस्यों के लिए हुआ चुनाव में बसपा ने 9, सपा ने सात, भाजपा और आरएलडी ने 6-6 सीट जीतने का दावा किया है. वहीं, पांच सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं. आगरा में जिला पंचायत सदस्य के रूप में भाजपा के 19 प्रत्याशी चुने गए हैं. जबकि बसपा 17 जीत के साथ दूसरे नंबर पर है. वहीं, सपा को पांच तो दस सीट पर निर्दलीय कब्जा करने में सफल रहे हैं.
75 जिलों में चार चरणों में हुए चुनाव
बता दें कि उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में चार चरणों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए मत डाले गए थे. पहले चरण में 15 अप्रैल, दूसरे में 19 अप्रैल, तीसरे में 26 अप्रैल और चौथे चरण में 29 अप्रैल को मतदान हुआ था. राज्य में चारों चरणों में ग्राम पंचायत प्रधान के 58,194, ग्राम पंचायत सदस्य के 7,31,813, क्षेत्र पंचायत सदस्य के 75,808 और जिला पंचायत सदस्य के 3,051 पदों के लिए मत डाले गये हैं. वैसे इस बार पंचायत चुनाव में भाजपा, सपा,बसपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन जैसी राजनीतिक पार्टियों ने भी अपने प्रत्याशी उतारे हैं. हालांकि इन पार्टियों के उम्मीदवार पार्टी के चुनाव निशान पर नहीं, बल्कि आयोग द्वारा दिए गए व्यक्तिगत चुनाव चिह्नों पर मैदान में उतरे हैं. (नोट- राज्य चुनाव आयोग ने अभी जिला पंचायत सदस्यों के निर्वाचन की आधिकारिक घोषणा नहीं की है