वैक्सीन के संकट से जूझ रहे देश में अगले दो से तीन महीने तक स्थिति पटरी पर नहीं लौटने वाली है। दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा है कि भारत में अगले दो से तीन महीने तक वैक्सीन का संकट रहेगा। उन्होंने ये भी स्पष्ट किया है कि एक महीने में वैक्सीन की दस करोड़ डोज का उत्पादन जुलाई में ही संभव है। अभी एक माह में औसतन छह से सात करोड़ डोज का उत्पादन हो रहा है।देश छोड़कर लंदन में परिवार संग निवास कर रहे अदार पूनावाला ने ये भी कहा है कि उत्पादन इसलिए नहीं बढ़ाया गया है क्योंकि सरकार से टीके का ऑर्डर नहीं मिला था। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि इस कारण जुलाई तक देश में टीके का संकट बना रह सकता है। उन्होंने कहा है कि जिम्मेदारों ने ये नहीं सोचा था कि कोरोना की दूसरी लहर का सबसे अधिक प्रभाव भारत पर पड़ेगा। दूसरी लहर इतनी भयावह होगी इसके बारे में किसी को उम्मीद नहीं थी। अधिकतर लोगों ने तो ये मान लिया था कि भारत ने महामारी को पूरी तरह मात दे दी है। इसी कारण प्रति वर्ष औसतन टीके की 100 करोड़ डोज से अधिक के उत्पादन के बारे में नहीं सोचा था।
पूनावाला ने सरकार पर साधा निशाना
पूनावाला ने कहा है कि टीके की 100 करोड़ डोज के ऑर्डर के बाद कोई भी नया ऑर्डर नहीं मिला है। सरकार और अफसरों को कोरोना की दूसरी लहर की बिलकुल भनक नहीं थी। उन्होंने कहा है कि सरकार ने टीके को लेकर नीति बनाई और अब राजनेता वैक्सीन के संकट के लिए सीरम इंस्टीट्यूट को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। भारत सरकार ने जब टीके के निर्यात पर रोक लगाई तो कंपनी ने दूसरे देशों का पैसा वापस लौटाना शुरू कर दिया है।
पिछले माह सरकार ने दिए 3 हजार करोड़
अदार पूनावाला ने कहा है कि पिछले महीने सरकार ने टीके का उत्पादन बढ़ाने और एडवांस में ऑर्डर के लिए तीन हजार करोड़ रुपये दिए थे। हमने इसपर काम भी शुरू कर दिया। लेकिन इतनी जल्दी पर्याप्त मात्रा में टीके का उत्पादन संभव नहीं है। मालूम हो कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा तैयार वैक्सीन को कोविशील्ड के नाम से तैयार कर रहा है। भारत बायोटेक को 1500 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ था।
राज्यों और निजी अस्पतालों को बिक्री
पूनावाला ने कहा है कि अप्रैल तक सरकार ने जितना भी उत्पादन था उसने खरीद लिया। मई से राज्य सरकारों और प्राइवेट अस्पतालों को टीका बेचना था। इसी बीच सरकार ने एक मई से 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को टीका लगाने का फैसला किया। इसी फैसले के बाद देश में टीके का संकट गहरा गया। यही कारण है कि एक मई को 18.3 लाख लोगों को ही टीका लग सका।
मार्च के बाद से कोई नया ऑर्डर नहीं
टीका बनाने वाली कंपनियों के अधिकारियों की मानें तो सरकार ने मार्च के बाद से कोई नया ऑर्डर नहीं दिया है। इसमें से 80 लाख डोज का ऑर्डर सीरम इंस्टीट्यूट जबकि बीस लाख डोज का ऑर्डर हैदराबाद के भारत बायोटेक को मिला था। इस ऑर्डर का कुछ हिस्सा मई के मध्य तक केंद्र के निर्देशानुसार राज्यों को मुहैया कराए जाएंगे। इसके बाद सरकार ने कोई ऑर्डर नहीं दिया है। राज्य सरकारों ने टीके के लिए करार किया है।