जिलाधिकारी के पद की गर्मी के कारण ,पश्चिमी त्रिपुरा जिले के जिलाधिकारी की सरकार ने छुट्टी कर दी है दरअसल जिलाधिकारी महोदय रौब में आकर एक शादी समारोह में मेहमानों के साथ बदसलूकी और पंडीत को थप्पड़ रसीद किया था ,उसके बाद इस तमाम घटना का वीडियो तेजी से पूरे देश में वायरल हुआ था, जिलाधिकारी को पद से हटाने की मांग को लेकर त्रिपुरा के ही 5 विधायकों ने मोर्चा खोल दिया ,और अनेक स्वर्ण सगठनो और ब्राह्मण महासभा के प्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी के ऊपर कार्रवाई करने की मांग को लेकर सरकार तक को लिख डाला, फिर क्या जिस जिलाधिकारी के कारण उस शादी समारोह में हड़कंप मची थी अब वही जिलाधिकारी महोदय के ऊपर जांच की तैयारी हो चुकी है इससे पहले मामले को बढ़ता देख सरकार ने शैलेश कुमार यादव को DM के पद से छुट्टी कर दिया और उनसे कहा कि उनके खिलाफ बैठे हुए जांच में वह सहयोग करें अन्यथा बड़ी कार्रवाई हो सकती है,कानून मंत्री रतन लाल नाथ ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि मुख्य सचिव ने उनके पत्र को स्वीकार कर लिया और उन्हें जिला मजिस्ट्रेट के अपने पद से मुक्त कर दिया। उद्योग और वाणिज्य विभाग के निदेशक रवेल हमेंद्र कुमार को फिलहाल पश्चिम जिला मजिस्ट्रेट का प्रभार दिया गया है।क्या है पूरा मामला?
डीएम शैलेश यादव ने 26 अप्रैल की रात को एक शादी समारोह को रोक दिया था। इस दौरान उनपर मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों, मेहमानों और पंडित जी के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगा है। उन्होंने दूल्हा और दुल्हन को भी समारोह स्थल खाली करने पर मजबूर कर दिया। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया।घटना के बाद मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को इस घटना पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा और इस मामले की जांच के लिए दो आईएएस अधिकारियों की एक समिति गठित की गई। शुरुआती जांच में यादव ने माफी मांगी थी। उन्होंने समिति को बताया कि उन्होंने कोरोनो वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अपने कर्तव्य के अनुसार कानून-व्यवस्था लागू की थी।निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए बिहार ,UP, MP के हर जिले से रिपोर्टर आमंत्रित हैं!
डीएम शैलेश यादव ने 26 अप्रैल की रात को एक शादी समारोह को रोक दिया था। इस दौरान उनपर मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों, मेहमानों और पंडित जी के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगा है। उन्होंने दूल्हा और दुल्हन को भी समारोह स्थल खाली करने पर मजबूर कर दिया। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया।घटना के बाद मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को इस घटना पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा और इस मामले की जांच के लिए दो आईएएस अधिकारियों की एक समिति गठित की गई। शुरुआती जांच में यादव ने माफी मांगी थी। उन्होंने समिति को बताया कि उन्होंने कोरोनो वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अपने कर्तव्य के अनुसार कानून-व्यवस्था लागू की थी।
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