भारतीय सेना ने एक बार फिर कायम की मिसाल ,देश में प्रतिदिन कोविड मामलों की संख्या की तुलना में सेना में संक्रमण की दर शून्य ही है जब पूरा देश कोरोना की दूसरी सुनामी का सामना कर रहा है, ऐसे में वैक्सीनेशन प्रोग्राम और कोविड प्रोटोकॉल के पालन में जीरो टॉलरेंस के दोहरे प्रयोग से सेना ने अपने यहां संक्रमण की दर लगभग शून्य पर लाकर समेट दी है। खास बात यह है कि सेना ने यह कमाल पिछले दो महीने से भी कम समय में कर दिखाया है।
देश में प्रतिदिन कोविड मामलों की संख्या की तुलना में सेना में संक्रमण की दर शून्य है। देश भर में आ रहे कोरोना के रोजाना 3 से 3.25 लाख मामलों के मुकाबले सेना में यह संख्या 50 से 60 के बीच भी नहीं है। जो नए केस आ रहे हैं, वे भी वो लोग हैं जो अपने परिवार के साथ बाहर रहने के कारण संक्रमित हो रहे हैं।
11.5 लाख को दूसरा डोज भी दिया गया
कुल मिलाकर 400 सैन्य कर्मी होम आइसोलेशन में हैं जिनकी तेजी से रिकवरी हो रही है। सेना ने देशभर की सैन्य यूनिटों में मार्च से कोविड के लिए टीकाकरण अभियान शुरू किया था और 20 अप्रैल तक आते-आते करीब 14 लाख फौजियों में से 99% को वैक्सीन दे दी गई है। कमाल की बात यह है कि इनमें से 82% यानी करीब 11.5 लाख सैन्यकर्मियों को कोरोना का दूसरा टीका भी लगा दिया गया है।
बेस हॉस्पिटल को कोविड सुविधा में बदला गया
सेना को टीके का कवच पहनाने के बाद 22 अप्रैल से दिल्ली के बेस हॉस्पिटल को कोविड सुविधा में बदल दिया गया है। यहां ऑक्सीजन सुविधा के सभी 258 बिस्तरों पर मरीज भी दाखिल कर लिए गए हैं। सेना ने दिल्ली में एक हजार बिस्तरों वाला अपना अस्पताल भी आम जनता के लिए खोल दिया है।
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