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केरल विधानसभा चुनाव की कुल 140 सीटों पर आज हो रहा मतदान, 957 प्रत्याशी मैदान में

केरल विधानसभा चुनाव की कुल 140 सीटों पर आज हो रहा मतदान, 957 प्रत्याशी मैदान में है। इसके लिए 957 प्रत्याशी मैदान में हैं। इस बार केरल की चुनावी जंग सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) और कांग्रेस के अगुवाई वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के बीच मानी जा रही है, जबकि भाजपा भी इस मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक चुकी है। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन अपनी सत्ता बचाए रखने की जद्दोजहद कर रहे हैं तो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सत्ता में यूडीएफ की वापसी के लिए मोर्चा संभाले हुए हैं। अब देखना यह है कि केरल की चुनावी जंग में कौन किस पर भारी पड़ता है?Kerala Assembly Election: केरल में मंगलवार को तीसरे चरण की वोटिंग, 140  सीटों पर 957 उम्मीदवार आजमाएंगे किस्मत |Kerala Assembly Election: Third  phase voting in Kerala on Tuesday, 957 ...
इतने उम्मीदवार आजमा रहे किस्मत
बता दें कि केरल की 140 विधानसभा सीटों में 14 सीटें अनुसूचित जाति और 2 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। ऐसे में कांग्रेस ने 93 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि उसकी सहयोगी यूनियन मुस्लिम लीग 25 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इसके अलावा केरल कांग्रेस (जोसेफ) 10, आरएसपी 5 सीटों और बाकी 7 सीटों पर अन्य सहयोगी दलों ने प्रत्याशी उतारे हैं।Latest Updates Voting in Bengal Assam Tamil Nadu Kerala Puducherry photo  video live coverage वहीं, लेफ्ट की अगुवाई वाले एलडीएफ में सीपीएम ने 77, सीपीआई ने 24, केरला कांग्रेस ने 12, जेडीएस ने 4 और एनसीपी-इंडियन नेशनल लीग व लोकतांत्रिक जनता दल 3-3 सीटों पर लड़ रही हैं। बाकी 14 सीटों पर अन्य सहयोगी दलों ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं। उधर, भाजपा ने 113 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, जबकि उसकी सहयोगी भारतीय धर्म जनसेना पार्टी 21 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बाकी 6 सीटें भाजपा ने अन्य दलों के लिए छोड़ी हैं, जबकि 3 सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों के नामांकन रद्द हो गए।Assembly Elections 2021: सभी पांच राज्यों में मतदान आज, असम में आखिरी और  बंगाल में तीसरे चरण के लिए होगी वोटिंग - Assembly elections voting in all  five states today voting will
इन हाईप्रोफाइल सीटों पर सबकी नजर
केरल के विधानसभा चुनाव में दिग्गज नेताओं के उतरने से मुकाबला कई सीटों पर दिलचस्प हो गया है। कोट्टयम जिले की पुथुपल्ली सीट पर ‘डेविड बनाम गोलिएथ’ की लड़ाई है। यहां से दो बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके 77 वर्षीय ओमन चांडी यूडीएफ के उम्मीदवार हैं। वहीं, सीपीआई (एम) यानी एलडीएफ के जैक सी थॉमस मैदान में हैं। धरमादोम भी उत्तर केरल की वीआईपी सीटों में से हैं। यहां से राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री पिनराई विजयन उम्मीदवार हैं, जबकि बीजेपी ने अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सीके. पद्मनाभन को मैदान में उतारा है। वहीं, कांग्रेस ने सी रघुनाथ पर दांव खेला है। राजस्थान में तक़रीबन 74 प्रतिशत मतदान: मुख्य निर्वाचन अधिकारी
मेट्रो मैन दौड़ाएंगे भाजपा की गाड़ी?
पलक्कड़ सीट पर गैर मलयाली मतदाताओं की संख्या निर्णयक भूमिका में है। भाजपा ने यहां से मेट्रो मैन ई श्रीधरन को मैदान में उतारा है। उनका मुकाबला कांग्रेस के शफी परमबिल से है तो सीपीएम के सीपी प्रमोद भी टक्कर दे रहे हैं। नेमोम विधानसभा सीट भी चर्चा में है, क्योंकि यहां भाजपा का कब्जा है। दरअसल, 2016 में पहली बार केरल की इसी सीट पर कमल खिला था। ऐसे में भाजपा ने इस सीट पर अपने वर्चस्व को बरकरार रखने के लिए मौजूदा विधायक का टिकट काटकर मेघालय के पूर्व गर्वनर के राजशेखरन को उतारा है। उनकी टक्कर पूर्व मुख्यमंत्री के करुणाकरण के बेटे और सांसद के मुरलीधरन से है, जो कांग्रेस उम्मीदवार हैं।Assam and Bengal Third Phase election tomorrow and Tamil Nadu Kerala  Puducherry assembly election 2021 | असम बंगाल में तीसरे चरण का मतदान कल,  बाकी राज्यों में एक साथ सभी सीटों पर
पहाड़ी इलाकों से भी भाजपा को उम्मीद
पाला विधानसभा सीट पर इस बार यूडीएफ से एमसी कप्पन मैदान में हैं, जबकि एलडीएफ की तरफ से केरल कांग्रेस (एम) के अध्यक्ष जोस के मणि उम्मीदवार हैं। कोन्नि विधानसभा सीट सबरीमाला मंदिर आंदोलन के प्रमुख केंद्रों में से है। इस पहाड़ी इलाके से भाजपा को काफी उम्मीदें हैं। ऐसे में भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन पर दांव खेला है। उनका मुकाबला एलडीएफ प्रत्याशी केयू जेनिश व यूडीएफ उम्मीदवार रॉबिन पीटर से है। इरिनजलकुडा सीट से भाजपा ने राज्य के पूर्व जीडीपी जैकब थॉमस को उतारा है। उनके सामने केरल कांग्रेस (जे) के थॉमस उन्निनयडन और माकपा के आर बिंदु मैदान में हैं। कझाकुट्टम सीट से भाजपा ने शोभा सुरेंद्रन को उतारा तो कांग्रेस ने प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. एसएस लाल और एलडीएफ ने कडकमपल्ली सुरेंद्रम (देवस्थान मंत्री) पर दांव खेला है। पश्चिम बंगाल और असम में कल होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के  लिए सभी तैयारियां पूरी
दांव पर राहुल की दावेदारी?
बता दें कि केरल में राहुल गांधी ने प्रचार की कमान खुद थाम रखी है। यही वजह है कि राहुल ने पांच राज्यों के चुनाव में सबसे ज्यादा प्रचार केरल में किया। दरअसल, राहुल केरल के वायनाड से सांसद भी हैं। ऐसे में एलडीएफ सरकार के खिलाफ सत्ता परिवर्तन न सिर्फ कांग्रेस के बेहद जरूरी है, बल्कि खुद राहुल के सियासी वजूद को बचाए रखने के लिए भी अहम है। अगर कांग्रेस केरल जीतती है तो राहुल की राजनीतिक क्षमता पर सवाल उठाने वालों को जवाब मिल सकता है। Assembly Elections 2021 Polling live Updates West Bengal Assam Tamil Nadu  Kerala And Puducherry - Elections 2021 LIVE Updates: विधानसभा चुनावों का  महाचरण आज, चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश ...
लेफ्ट को सत्ता में वापसी की उम्मीद?
उधर, लेफ्ट फ्रंट केरल की सियासत में चार दशक की परंपरा को तोड़ने की कोशिश कर रहा है और एक बार फिर सत्ता में वापसी की उम्मीद जता रहा है। हाल ही में हुए स्थानीय निकाय चुनावों में लेफ्ट पार्टियों ने शानदार जीत दर्ज की थी। इसके अलावा मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने युवाओं और महिलाओं को बढ़ावा दिया। माना जा रहा है कि उनका यह दांव कामयाब हो सकता है। गौर करने वाली बात यह है कि विधानसभा चुनाव में सत्ताविरोधी लहर को देखते हुए एलडीएफ ने अपने करीब तीन दर्जन विधायकों के टिकट काट दिए और उनकी जगह युवाओं व महिलाओं पर भरोसा जताया। लेफ्ट के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि अगर वह केरल के किले नहीं बचा पाता है तो देश में पूरी तरह से उसका सफाया हो जाएगा। पश्चिम बंगाल सहित पांच राज्यों में 475 सीटों पर आज मतदान, केरल में ई  श्रीधरन ने डाला वोट
संघ का मजबूत दुर्ग आएगा भाजपा के काम?
गौरतलब है कि केरल में आरएसएस की 4500 से भी ज्यादा शाखाएं हैं और 30 हजार सक्रिय कार्यकर्ता भी हैं। ऐसे में भाजपा को इस दुर्ग से काफी उम्मीदें हैं। वैसे केरल की राजनीति में भाजपा भले ही बहुत बड़ा करिश्मा नहीं दिखा पाई है, लेकिन पार्टी का वोट शेयर लगातार बढ़ा है। भाजपा ने केरल में लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने का वादा किया है। माना जा रहा है कि इससे वह हिंदुओं के साथ-साथ ईसाई समुदाय को भी साधने की कोशिश कर रही है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि केरल में दलित और पिछड़ी जाति के लोग अब भी वामपंथियों के साथ बने हुए हैं। ऐसे में कांग्रेस की नजरें मुस्लिम और ईसाई समुदाय के साथ-साथ मछुआरा समुदाय पर भी हैं। वहीं, भाजपा अगड़ी जाति के लोगों से उम्मीदें लगाए हुए है।

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